नामजद केसों को अनट्रेस दिखाना किसानों के साथ धोखा, सभी मुकदमे वापस ले सरकार: चढूनी
चंडीगढ़: केंद्र सरकार और रेलवे पुलिस ने किसान आंदोलन के दौरान 24 सितंबर 2020 के बाद किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है। सरकार के आदेश के बाद भारतीय किसान यूनियन चढूनी की कोर कमेटी ने 24 नवंबर को अंबाला में रेलवे ट्रैक को जाम करने के कार्यक्रम को रद्द कर दिया है।
भारतीय किसान यूनियन चढूनी (Bhartiya Kisan Union Chaduni group) ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि केंद्र सरकार ने मुकदमे वापस करने का आदेश दे दिया है, लेकिन हरियाणा सरकार ने अभी तक अपने वादे के अनुसार सभी केस वापस नहीं लिए हैं। आंदोलन के दौरान हरियाणा में बने बहुत से मुकदमे अभी अदालतों में पेंडिंग हैं, हालांकि हरियाणा सरकार ने ज्यादातर केसों को रद्द करने की सिफारिश कर दी है। इसके बावजूद भी कई केस अदालतों में विचाराधीन हैं, जिस कारण से बहुत से लोगों के असला लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और पासपोर्ट नहीं बनाए जा रहे हैं।
कई केस ऐसे हैं जिनको वापस लेने की प्रक्रिया ही शुरू नहीं की गई है, जैसे एफ़आईआर नंबर 206 और 77, इन धाराओं के तहत दर्ज मुकदमों को आंदोलन के समझोते के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री ने वापस लेने का वादा किया था और करीब 32 से अधिक मुकदमे आंदोलन के पहले के ऐसे हैं जो आंदोलन के समझोते के दौरान वादा करने के बावजूद भी वापस नहीं हुए हैं।
भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जो केस वापस लेने की बात की थी, लेकिन सरकार ने वह केस वापस ना लेकर केवल उनको अनट्रेस किया है। यह एक तरह से किसानों के साथ विश्वासघात है, क्योंकि कानून के मुताबिक अनट्रेस केस को कभी भी खोला जा सकता है।
भारतीय किसान यूनियन चढूनी ने चेतावनी दी है कि अगर 24 नवंबर तक हरियाणा सरकार किसानों से किए वायदे अनुसार उक्त सभी केसों का निपटारा नहीं करती है, तो 24 नवंबर को जिला अंबाला में मोहड़ा अनाज मंडी के सामने जीटी रोड को जाम कर दिया जाएगा। बता दें कि 24 नवंबर को हरियाणा और पंजाब के किसानों को आह्वान किया गया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में किसान अपने ट्रैक्टरों के साथ अंबाला पहुंचे। 24 नवंबर को किसान आंदोलन के दौरान दिल्ली कूच के 2 साल पूरे हो रहे हैं और 24 नवंबर को ही किसान मसीहा सर छोटूराम की जयंती भी है।