शिक्षा कोई वस्तु नहीं जिसके लिए विद्यार्थियों को उपभोक्ता माना जाए : हिमाचल उपभोक्ता आयोग

हिमाचल प्रदेश के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग शिमला ने एक फैसले के दौरान कहा कि शिक्षा कोई वस्तु नहीं, जिसके लिए छात्र को उपभोक्ता माना जाए। आयोग ने शैक्षणिक संस्थानों की और से शिक्षा प्रादान करने की सेवा से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान अपने अहम फैसले में ये बात कही है।

By  Jainendra Jigyasu March 16th 2023 11:20 AM

हिमाचल प्रदेश के जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग शिमला ने एक फैसले के दौरान कहा कि शिक्षा कोई वस्तु नहीं, जिसके लिए छात्र को उपभोक्ता माना जाए। आयोग ने शैक्षणिक संस्थानों की और से शिक्षा प्रादान करने की सेवा से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान अपने अहम फैसले में ये बात कही है। 

आयोग ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को सेवा प्रदाता नहीं कहा जा सकता है। आयोग के सदस्य योगिता दत्ता और जगदेव सिंह रैतका ने कहा कि शिक्षा देने की सेवा में कमी से जुड़े मामलों पर सुनवाई करने का कोई क्षेत्राधिकार आयोग का नहीं है। आयोग ने ये बात  शिमला की रोहनी सूद की शिकायत को खारिज करते हुए कही। रोहनी सूद ने पंजाब तकनीकी शिक्षा विश्वविद्यालय के खिलाफ शिक्षा सुविधा ने देने की शिकायत आयोग में की थी। 

 शिकायतकर्ता रोहनी सूद ने डिस्टेंस लर्निंगके माध्यम से एक डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया था। विश्वविद्यालय सूद से 70 हजार की फीस वसूली थी। छह महीने के बाद यूनिवर्सिटी ने परीक्षा ली। परीक्षा में पास न होने पर शिकायतकर्ता ने दोबारा से परीक्षा दी। शिकायत करता का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने एक वर्ष दो महीनों के बाद रिजल्ट निकाला, फीस लेकर सेवा में कमी की है। लेकिन आयोग ने  आयोग ने शिकायत को खारिज कर दिया।

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