रोहतक में किसान नही जला रहे है पराली, पराली बेच कर कमा रहे अच्छा मुनाफा

By  Vinod Kumar November 3rd 2022 03:00 PM

रोहतक/सुरेंद्र सिंह: हरियाणा,पंजाब,दिल्ली के बीच हर साल दीवाली के बाद पराली जलाने और प्रदूषण को लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जाते रहे हैं। इस साल भी नवंबर के महीने के बीच दिल्ली और एनसीआर में आसमान पर धुंए का गुब्बार छाया हुआ है। अगर रोहतक की भी बात करें तो 400 के करीब एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंचा हुआ है। ये प्रदूषण का बेहद ही खराब स्तर है। 

हालांकि रोहतक में किसान पिछले दो सालों से पराली नहीं जला रहे हैं। दो सालों में यहां पराली जलाने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। इसके साथ ही किसान पराली ना जलाने को लेकर काफी जागरूक हैं। किसान अपनी धान की पराली को आग नहीं लगा रहे हैं, बल्कि उससे मोटी कमाई भी कर रहे हैं। किसान अपनी धान की पराली को पशुओं के चारे के लिए इक्ट्ठा करने के साथ साथ इसे बेच रहे हैं। किसान प्रति एकड़ धान की पराली से पांच से छ हजार रुपए कमा रहे हैं।

उधर जिला प्रशासन भी पराली ना जलाने को लेकर किसानों को समय-समय पर जागरूक कर रहा है। जिला उपायुक्त यशपाल यादव ने कहा कि पराली में आग लगाना एक गंभीर मामला है। रोहतक में पराली नहीं जलाने को लेकर काफी जागरूक हैं। रोहतक धान की खेती का क्षेत्र है पिछले दो साल से रोहतक जिले में पराली जलाने का एक भी मामला सामने नहीं आया है। जो भी किसान पराली जलता पाया जाता हैं उसके खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना लगाया जाता है। सेटेलाइट की मदद से यह पता लगाया जाता किस किसान ने खेत में। पराली जलाई जा रही है।

वहीं, किसानों ने कहा कि धान की पराली को जलाने की जगह उसे बेचकर अच्छा मुनाफा हो रहा है। किसान पहले पराली को आग लगाते थे, क्योंकि पराली बिकती नही थी, लेकिन अब पराली खूब बिक रही है। हम पराली को जमा करते हैं और उसे पशुओं का चारा बना कर बेचते हैं। पराली से प्रति एकड़ पांच से छ हजार रुपए का फायदा हो रहा है। वहीं, रोहतक में वायु प्रदूषण को लेकर किसानों ने कहा कि रोहतक में कोई पराली नहीं जला रहा है। रोहतक में पराली का धुंआ दूसरे स्थानों से आ रहा है।  

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