डिजिटल पुलिसिंग और गवर्नेंस में हरियाणा का दबदबा कायम, राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की मजबूत स्थिति फिर दिखी बरकरार !
मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बताया कि अक्टूबर 2024 से प्रदेश ने प्रगति डैशबोर्ड पर लगातार शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं, जो डिजिटल अपराध ट्रैकिंग और डेटा प्रबंधन में प्रदेश के शीर्ष प्रदर्शन को दर्शाता है

चंडीगढ़: हरियाणा ने डिजिटल गवर्नेंस और नागरिक-केंद्रित पुलिसिंग में राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर अपनी मजबूत स्थिति को बरकरार रखा है। अक्टूबर 2024 से प्रदेश ने प्रगति डैशबोर्ड पर लगातार शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं, जो डिजिटल अपराध ट्रैकिंग और डेटा प्रबंधन में प्रदेश के शीर्ष प्रदर्शन को दर्शाता है। जून 2021 से, पिछले 46 महीनों में राज्य ने 35 बार शीर्ष स्थान हासिल कर निरंतर प्रभावी और पारदर्शी पुलिसिंग की अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
वीओ: मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सोमवार को चंडीगढ़ में राज्य सर्वाेच्च समिति की 30वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम की प्रगति की समीक्षा के दौरान जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर 2024 से प्रदेश ने प्रगति डैशबोर्ड पर लगातार शत-प्रतिशत अंक हासिल किए हैं, जो डिजिटल अपराध ट्रैकिंग और डेटा प्रबंधन में प्रदेश के शीर्ष प्रदर्शन को दर्शाता है। जून 2021 से, पिछले 46 महीनों में राज्य ने 35 बार शीर्ष स्थान हासिल कर निरंतर प्रभावी और पारदर्शी पुलिसिंग की अपनी प्रतिबद्धता जताई है। गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि हरियाणा पुलिस ‘हरसमय’ पोर्टल पर उपलब्ध नागरिक सेवाओं के लिए सेवा का अधिकार (आरटीएस) डैशबोर्ड पर 10 में से 10 अंक प्राप्त कर रही है। गत 22 मई तक सरल पोर्टल पर निर्धारित समय-सीमा के भीतर 69.95 लाख से अधिक आवेदन संसाधित करके, समय पर सेवा प्रदान करने में हरियाणा पुलिस सभी विभागों में पहले स्थान पर है। उन्होंने आगे बताया कि दक्षता में सुधार के लिए सीसीटीएनएस प्रणाली में कई प्रमुख तकनीकी सुधारों को एकीकृत किया गया है। इनमें मेडिको-लीगल केस (एमएलसी) हैंडलिंग, पोस्टमॉर्टम रजिस्ट्रेशन और डॉक्टर की जानकारी के प्रबंधन को बेहतर बनाने के मकसद से पैच-10 की स्थापना शामिल है। गत 10 जनवरी, 2025 से इस प्रणाली के माध्यम से सम्बन्धित न्यायालय द्वारा चार्जशीट सत्यापन की पुष्टि का भी प्रावधान किया गया है। निर्बाध डिजिटल प्रमाणीकरण के उद्देश्य से सभी प्रासंगिक फॉर्मों और दस्तावेजों के लिए ई-साइन सुविधा को जेनरिक बनाया गया है। इसके अलावा, जांच अधिकारियों के आधार कार्ड को उनके सीसीटीएनएस लॉगिन आईडी से मैप किया गया है, जिससे प्रत्येक ई-साइन उपयोग के लिए आधार नंबर मैन्युअल रूप से दर्ज करने की आवश्यकता समाप्त हो गई है। वाहन चोरी के मामलों में एफआईआर के स्वचालित पंजीकरण के लिए ई-एफआईआर मॉड्यूल अब पूरी तरह से कार्यात्मक है। इसके अलावा, दुर्घटनावश मृत्यु के मामलों से जुड़े ईमेल सीसीटीएनएस प्लेटफॉर्म से उपायुक्तों को स्वचालित रूप से संबंधित भेजे जाते हैं।