हिमाचल में सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को दी मंजूरी, NPS कर्मचारियों ने मनाया जश्न

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने अपने चुनावी वायदे को पूरा करते हुए पहली कैबिनेट बैठक में OPS बहाली को मंजूरी दे दी है। आज हिमाचल में सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट बैठक थी। पहली कैबिनेट मीटिंग का सबसे पहला मुद्दा ही ओपीएस बहाली था। ओपीएस बहाली का वादा कर ही कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी।

By  Vinod Kumar January 13th 2023 03:27 PM -- Updated: January 13th 2023 06:01 PM

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार ने अपने चुनावी वायदे को पूरा करते हुए पहली कैबिनेट बैठक में OPS बहाली को मंजूरी दे दी है। आज हिमाचल में सुक्खू सरकार की पहली कैबिनेट बैठक थी। पहली कैबिनेट मीटिंग का सबसे बड़ा मुद्दा ही ओपीएस बहाली था। ओपीएस बहाली का वादा कर ही कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी। 

हिमाचल में 1.36 लाख कर्मचारी NPS के तहत आते हैं, ये सभी कर्मचारी लंबे समय से OPS के लिए संघर्ष कर रहे थे। बीजेपी सरकार में भी एनपीएस कर्मचारियों ने पेंशन बहाली को लेकर बड़ा आंदोलन किया था। कांग्रेस ने चुनाव में ओपीएस को ही पहली गारंटी बनाया था। कांग्रेस इससे पहले राजस्थान और छत्तीसगढ़ OPS बहाली का ऐलान कर चुकी है।

ओपीएस बहाली से एक लाख 36 हजार कर्मचारियों को आज से ही लाभ मिलना शुरू हो गया है। इसी तरह कैबिनेट ने महिलाओं को 1500 रुपए देने और एक लाख युवाओं के रोजगार की दृष्टि से दो कैबिनेट सब कमेटी गठित की हैं। सुक्खू ने कहा कि OPS की गारंटी आज से लागू हो गई है, जबकि 2 गारंटियों को लागू करने का फैसला अगले महीने होगा।

कैबिनेट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिमाचल के सीएम सुक्खविंद्र सिंह सुक्खू वित्त विभाग आज या कल इसकी अधिसूचना जारी कर देगा। इस स्कीम के लागू होने से पहले ही हर साल 800 से 900 करोड़ का अतिरिक्त आर्थिक बोझ प्रदेश के खजाने पर पड़ेगा। आने वाले सालों में ये बोझ बढ़ता जाएगा।

सीएम सुक्खू ने कहा कि पुरानी पेंशन का फायदा सभी विभागों, बोर्ड, निगम कर्मचारियों को भी मिलेगा। इस फैसले को लेने में कई अड़चनें थीं, लेकिन उनकी सरकार सामाजिक सुरक्षा के लिए इसे लागू करने का फैसला किया है। सीएम ने कहा कि सरकार ने डीजल पर तीन प्रतिशत वैट बढ़ाया है। वैट से सरकारी कर्मचारियों को पेंशन का भुगतान होगा।

क्या है नई और पुरानी पेंशन

पुरानी पेंशन के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों को सेवानिवृति के बाद पेंशन दी जाती थी। पुरानी पेंशन स्कीम के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मौत हो जाने पर  उनके परिजनों को पेंशन की लाभ मिलता था। ओपीएस में रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों की आखिरी बेसिक सैलरी का 50 पर्सेंट यानी आधी राशि तक पेंशन के रूप में भुगतान होता है। इसमें छह महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान है।  1 अप्रैल 2004 में बंद करके इसे राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension Scheme) से बदल दिया गया।
 
एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। ऐसे में इसे पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जाता है। इस स्कीम में रिटायरमेंट पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% इन्वेस्ट करना पड़ता है। NPS शेयर मार्केट पर आधारित है, इसलिए यहां टैक्स का भी प्रावधान है। इसके तहत डीए का भी प्रावधान नहीं है।

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