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HP News: ओबेराय ग्रुप का बड़ा झटका, हिमाचल सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल को कब्जे में लिया

हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल को कब्जे में ले लिया है। शनिवार को ये प्रक्रिया पूर्ण की गई।

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Deepak Kumar -- November 18th 2023 04:07 PM
HP News: ओबेराय ग्रुप का बड़ा झटका, हिमाचल सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल को कब्जे में लिया

HP News: ओबेराय ग्रुप का बड़ा झटका, हिमाचल सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल को कब्जे में लिया

ब्यूरोः प्रकृति की गोद में बनाए गए वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल को हिमाचल सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद हिमाचल सरकार के प्रशासन ने होटल का कब्जा ले लिया है। शनिवार को ये प्रक्रिया पूर्ण की गई।

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम की निदेशक आईएएस अधिकारी मानसी ठाकुर को अब इस संपत्ति का प्रशासक नियुक्त किया गया है। शनिवार को एचपीटीडीसी और जिला प्रशासन छराबड़ा स्थित होटल में पहुंचा और संपत्ति पर कब्जा में ले लिया। मौजूदा समय में होटल का प्रबंधन ओबेराय ग्रुप के पास था।


वर्ष 1993 में होटल में लगी थी आग 

होटल का मामला अदालत में चल रहा था और हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2022 को इस संपत्ति के मामले में हिमाचल सरकार को राहत दी थी। मामले के अनुसार वाइल्ड फ्लावर हॉल की संपत्ति का मालिकाना हक राज्य सरकार के पास था। होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल को हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम संचालित करता था। वर्ष 1993 में यहां आग लग गई। इसे दोबारा पांच सितारा होटल के रूप में विकसित करने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए गए थे।

टेंडर प्रक्रिया में ईस्ट इंडिया होटल्स लिमिटेड ने भी भाग लिया। राज्य सरकार ने ईस्ट इंडिया होटल्स के साथ साझेदारी में कार्य करने का फैसला लिया था। संयुक्त उपक्रम के तहत  ज्वाइंट कंपनी मशोबरा रिजाट्र्स लिमिटेड के नाम से बनाई गई और तय किया गया कि राज्य सरकार की 35 फीसदी से कम शेयर होल्डिंग नहीं होगी। इसके अलावा ईआईएच की शेयर होल्डिंग भी 36 फीसदी से कम नहीं होगी।

2002 में राज्य सरकार ने करार कर दिया था रद्द 

ये भी तय हुआ था कि ईआईएच को 55 फीसदी से अधिक होल्डिंग नहीं मिलेगी, लेकिन करार के मुताबिक जमीन सौंपने के बाद चार साल में भी होटल फंक्शनल नहीं हुआ था। उसके बाद जब कंपनी होटल को चलाने के काबिल नहीं बना पाई तो 2002 में राज्य सरकार ने करार रद्द कर दिया था,लेकिन बोर्ड ऑफ कंपनी ने फैसला कंपनी को दे दिया। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार राज्य सरकार ने इस होटल की संपत्ति को कब्जे में कर लिया है।

- PTC NEWS

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