ये तो मेरे बाएं हाथ का खेल है! टूटे हाथ से लैफ्ट हैंडर बल्लेबाज बन गए हनुमा बिहारी, जड़ दिए तीन चौके
इंदौर में खेले जा रहे रणजी के चौथे क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हनुमा बिहारी आंध्रा प्रदेश की कप्तानी कर रहे हैं। पहली पारी में बल्लेबाजी के दौरान आवेश खान की एक गेंद से उनकी कलाई टूट गई थी। दाएं हाथ की कलाई में फ्रैक्चर के बाद भी बल्लेबाजी करने उतरे। उन्होंने एक हाथ से ही गेंदों पर शॉट खेलने शुरू कर दिए। बिहारी हाथ में प्लास्टर लगाकर ही खेलते नजर आए।
भारतीय बल्लेबाज हनुमा विहारी ने एक बार अपनी बल्लेबाजी में जुझारूपन दिखाकर क्रिकेट फैन्स की तारीफें बटोरी हैं। हनुमा बिहारी कभी भी टीम को संकट में छोड़कर ड्रेसिंग रूम में नहीं बैठते। हनुमा बिहारी को जब भी टीम की जरूरत होती है वो टीम के साथ खड़े रहते हैं। मध्यप्रदेश के खिलाफ टीम को संकट में देखते हुए दूसरी पारी में भी बाएं हाथ की कलाई टूटने के बावजूद हनुमा मैदान पर बल्लेबाजी करने उतरे।
इंदौर में खेले जा रहे रणजी के चौथे क्वार्टर फाइनल मुकाबले में हनुमा बिहारी आंध्रा प्रदेश की कप्तानी कर रहे हैं। पहली पारी में बल्लेबाजी के दौरान आवेश खान की एक गेंद पर दाएं हाथ की कलाई में फ्रैक्चर के बाद भी बल्लेबाजी करने उतरे। उन्होंने एक हाथ से ही गेंदों पर शॉट खेलने शुरू कर दिए। बिहारी हाथ में प्लास्टर लगाकर ही खेलते नजर आए। उन्होंने दूसरी पारी में उन्होंने 16 गेंद पर 15 रन बनाए। इस दौरान तीन चौके लगाए। उन्होंने दाएं हाथ से बल्लेबाजी करने की जगह बाएं हाथ से बल्लेबाजी करना शुरू कर दी। विहारी को सारांश जैन ने LBW आउट किया।
कलाई पर चोट लगने के बाद भी उन्होंने पहली पारी में 57 गेंदों में 27 रन बनाए थे। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मो. सिराज ने हनुमा को 'ट्रू फाइटर' कहा है। बता दें कि इससे पहले 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भी हनुमान बिहारी ने मांसपेशियों में खिचाव के बाद भी रविचंद्र अश्विन के साथ सांझेदारी कर भारत को हार के मुंह से निकाला था। उस समय भी उनकी खूब तारीफ हुई थी।
बता दें कि इंदौर में आंध्र-मध्य प्रदेश के बीच खेले जा रहे क्वार्टर फाइनल में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए आंध्रा की टीम ने पहली पारी में 10 विकेट पर 379 रन बनाए थे। रिकी भुई ने 250 गेंदों पर 149 रनों की शानदार पारी खेली। अपनी पारी में उन्होंने 18 चौके और एक छक्का लगाया, जबकि करन शिंदे ने 264 गेंदों पर 110 रन की धमाकेदार पारी खेली। उन्होंने 12 चौके और 2 छक्के लगाए।
वहीं, मध्य प्रदेश ने पहली पारी में 228 रन बनाए थे। दूसरी पारी में आंध्र की टीम 93 रनों पर ही सिमट गई। आंध्र को पहली पारी में 151 रनों की बढ़त हासिल हुई थी। इस तरह उसने मध्य प्रदेश को 245 रनों का लक्ष्य दिया। गुरुवार को तीसरे दिन के खेल की समाप्ति तक मध्य प्रदेश ने दूसरी पारी में बिना किसी नुकसान के 58 रन बना लिए हैं। एमपी को अब जीत के लिए 187 रन चाहिए।