Budget 2019 : आधार कार्ड से भी भर सकते हैं रिटर्न, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उपाय

By  Arvind Kumar July 5th 2019 01:44 PM -- Updated: July 5th 2019 01:47 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामन ने आज लोकसभा में 2019-20 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि कंपनी कर की 25 प्रतिशत न्यूनतम दर को 400 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए लागू किया जाएगा। फिलहाल, 250 करोड़ रुपये तक वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए यह दर लागू है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि 99.3 प्रतिशत कंपनियां इसमें शामिल होंगी। अब केवल 0.7 प्रतिशत कंपनियां ही इस दर से अलग होंगी।

पैन – आधार में से एक के बदले दूसरे के इस्तेमाल का प्रस्ताव

इस बजट में पैन और आधार में से किसी एक को इस्तेमाल में लाने का भी प्रस्ताव किया गया है और जिनके पास आयकर विवरणी भरने के लिए पैन न हो उन्हें अपना आधार नम्बर उल्लिखित करने की अनुमति दी जाएगी और वे पैन के स्थान पर इसका उल्लेख कर सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अब 120 करोड़ से अधिक देशवासियों के पास आधार उपलब्ध हैं। आयकर दाताओं की सुविधा और आसानी के लिए यह प्रस्ताव किया गया है।

पहले से भरी गई आयकर विवरणी

वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर दाताओं को पहले से भरी गई कर विवरणी उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें वेतन से आय, प्रतिभूतियों से पूंजीगत प्राप्तियां, बैंक से मिले ब्याज और लाभांश तथा कर में कटौतियों का विवरण शामिल होगा। उन्होंने कहा कि बैंकों, स्टॉक एक्सचेंजों, म्युचुअल फंडों, ईपीएफओ, राज्य पंजीकरण विभागों आदि जैसे संबंधित स्रोतों से ऐसे आय के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल आयकर विवरणी भरने में लगने वाले समय में कमी आएगी, बल्कि आय और करों की प्रस्तुति में सटीकता भी सुनिश्चित होगी।

अवांछित चलनों की समाप्ति के लिए फेसलेस ई-असेसमेंट

अपने भाषण में, वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर विभाग में असेसमेंट की जांच की मौजूदा प्रणाली में करदाता और विभाग के बीच काफी व्यक्तिगत संपर्क शामिल है, जिससे कर अधिकारियों की ओर से कुछ अवांछित व्यवहार को बढ़ावा मिलता है। ऐसे चलनों को समाप्त करने के लिए तथा प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए, वित्त मंत्री ने कहा कि इस वर्ष चरणबद्ध रूप से इलेक्ट्रॉनिक विधि से फेसलेस असेसमेंट की एक योजना शुरू की जा रह है, जिसमें कोई व्यक्ति आमने-सामने नहीं होगा।

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डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उपाय

इस बजट में यह प्रस्ताव किया गया है कि यदि किसी बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की नकद निकासी की जाएगी तो 2 प्रतिशत की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की जाएगी। डिजिटल भुगतान और कम नकद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने तथा डिजिटल भुगतान पर जोर देने के लिए हाल में उठाए गए अनेक कदमों से आगे बढ़ते हुए यह प्रस्ताव किया गया है।

Budget 2 Budget 2019 : आधार कार्ड से भी भर सकते हैं रिटर्न, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उपाय

भीम यूपीआई, यूपीआई-क्यूआर कोड, आधार पे, कुछ डेबिट कार्डों, एनईएफटी, आरटीजीएस आदि जैसे कम लागत वाले डिजिटल भुगतानों से कम नकद वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 50 करोड़ से अधिक वार्षिक कारोबार के लिए उनके ग्राहकों को कम लागत वाले अथवा बिना लागत वाले डिजिटल भुगतान की पेशकश की जाएगी अथवा ग्राहकों के साथ-साथ व्यापारियों को एमडीआर का लाभ दिया जाएगा।

सरल और आसान जीवन

यह बताते हुए कि ‘कर भुगतान’ की श्रेणी के तहत भारत की कारोबारी सुगमता का दर्जा 2017 के 172 से बढ़कर 2019 में 121 हो गया, वित्त मंत्री ने कहा कि उपर्युक्त उपायों से करदाताओं को अनुपालना में आसानी होगी।

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