look back 2021: इस साल सदन में ये पांच मुख्य बिल हुए पास, जानिए क्या होगा इनका असर

By  Vinod Kumar December 20th 2021 04:12 PM -- Updated: December 21st 2021 04:43 PM

look back 2021: भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्रिक देश है। संसद को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है। साल में दो संसद बार संसद का सत्र बुलाया जाता है। संसद सत्र के दौरान चुने हुए प्रतिनिधि देश के आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक मुद्दों समेत कई विषयों पर चर्चा करते हैं। इसी के साथ संसद सत्र के दौरान किसी भी विषय पर कानून बनाने या पुराने कानूनों को निरस्त करने के लिए बिल लाए जाते हैं। दोनों सदनों में दो तिहाई सदस्यों का बहुमत मिलने के बाद इन बिलों को स्वीकृति मिलती है। 2021 में सरकार ने कई महत्वपूर्ण बिल पास किए हैं।

2021 में सदन से पास हुए 5 प्रमुख बिल

कृषि कानून निरसन अधिनियम 2021 (Agricultural Laws Repeal Act 2021): संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही इस विधेयक को पारित कर दिया गया। किसान लगभग एक साल से 2020 में पारित किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान कई किसानों की प्रदर्शन स्थलों पर मौत भी हुई। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने 2020 में पास किए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया था।

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ओबीसी आरक्षण संशोधन 2021 (OBC Reservation Amendment 2021): राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की जातियों की पहचान करने और सूची बनाने का अधिकार बहाल करने वाला 'संविधान (127वां संशोधन ) विधेयक, 2021' इस साल दोनों सदनों में पारित हो गया। इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्य सरकारें अब अपने यहां ओबीसी की लिस्ट तैयार कर सकेंगी। यानी अब राज्यों को किसी जाति को ओबीसी में शामिल करने के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना होगा। इसका मतलब है कि अब राज्य सरकारें अपने यहां किसी जाति को ओबीसी समुदाय में शामिल कर पाएगी।

अधिकरण सुधार विधेयक, 2021 (Tribunal Reform Bill-2021): ‘अधिकरण सुधार (सुव्यवस्थीकरण और सेवा शर्तें) विधेयक’ को वापस लेने के बाद सरकार ‘अधिकरण सुधार विधेयक, 2021’ लेकर आई थी। ये विधेयक मॉनसून सत्र के दोनों सदनों में पास हो गया था। इस विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया था कि उच्चतम न्यायालय ने अपने बहुत से निर्णयों में अधिकरणों से उच्चतम न्यायालय में सीधे अपील दायर करने का विरोध किया है। अत: अधिकरणों का और सरलीकरण आवश्यक समझा गया क्योंकि इससे राजकोष में पर्याप्त खर्च की बचत होगी और त्वरित रूप से न्याय प्रदान किया जा सकेगा।

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इस विधेयक के माध्यम से चलचित्र अधिनियम 1952, सीमा शुल्क अधिनियम 1962, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम 1994, व्यापार चिन्ह अधिनियम 1999, पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 तथा कुछ अन्य अधिनियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है।

अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021(Essential Defence Services Bill, 2021): अनिवार्य रक्षा सेवा विधेयक, 2021 को संसद के मानसून सत्र में मंजूरी मिली। विधेयक पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा था कि यह विधेयक राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। इसका मकसद यह है कि हथियारों एवं गोला-बारूद की आपूर्ति में बाधा ना आए।

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इस विधेयक की अधिसूचना में बताया गया था कि हथियार, आयुध उद्योगों में कोई भी व्यक्ति, जो अध्यादेश के तहत अवैध हड़ताल का आयोजन करता है अथवा इसमें हिस्सा लेता है, उसे एक साल जेल या 10,000 रुपए तक जुर्माना या फिर दोनों सजा दी जा सकती है। इसके तहत दूसरे लोगों को आंदोलन या हड़ताल में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करना भी एक दंडनीय अपराध होगा। रक्षा उपकरणों के उत्पादन, सेवाओं और सेना से जुड़े किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान के संचालन या रखरखाव के साथ-साथ रक्षा उत्पादों की मरम्मत और रखरखाव में कार्यरत कर्मचारी अध्यादेश के दायरे में आएंगे।

चुनाव सुधार विधेयक (election reform bill 2021): शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के आखिरी हफ्ते के पहले दिन केंद्र सरकार ने लोकसभा में चुनाव सुधार संबंधी विधेयक पेश किया, जिसे विपक्ष के हंगामे के बीच पारित कर दिया गया। इस विधेयक के तहत मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए वोटर कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। 21 दिसंबर को बिल राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के बीच पास हो गया

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