रोहतक। (अंकुर सैनी) हरियाणा सरकार के आदेशानुसार एक अप्रैल से गेहूं और सरसों की खरीद शुरू होनी है। परंतु, सरकारी खरीद से पहले किसान सरसों की फसल अनाज मंडी में लेकर पहुंच रहे हैं। किसानों की माने तो इस बार एमएसपी से ज्यादा दाम पर उनकी फसल बिक रही है। वहीं, सरकार को इस बार सरसों खरीदना मुश्किल होगा।
इस बार MSP से ज्यादा दाम पर बिक रही सरसों, किसानों को हो रहा ज्यादा फायदा
सरसों की खरीद को लेकर किसान खुश नजर आ रहे हैं। सरकारी खरीद से पहले रोहतक की अनाज मंडी में प्राइवेट मिलर्स सरसों की खरीद कर रहे हैं जिससे किसानों को मुनाफा हो रहा है। आढ़ती बजरंग की मानें तो इस बार सरकारी एजेंसी यानी हैफेड को सरसों मिलनी मुश्किल है।
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इस बार MSP से ज्यादा दाम पर बिक रही सरसों, किसानों को हो रहा ज्यादा फायदा
अमूमन हैफेड सहित अन्य सरकारी एजेंसियां सरसों खरीदती हैं। लेकिन, इस बार व्यापारी और एजेंट ज्यादा दामों पर किसान से सरसों ले रहे हैं। आढ़ती ने बताया कि जब सरकारी एजेंसियां खरीद करती हैं तो किसानों को उनकी पेमेंट भी देरी से मिलती हैं।
सरसों लेकर पहुंचे किसान दलबीर ने बताया कि एक एकड़ में करीब 8 क्विंटल सरसों की पैदावार होती है जिसमें काफी मेहनत लगती है। सरकार ने इस बार 4650 रुपए एमएसपी तय किया है। लेकिन, प्राइवेट मिलर्स करीब 5 हजार रुपए से अधिक के दाम पर उनकी फसल खरीद रहे हैं। उनका कहना है की सरकार फसल का सही दाम तय नही करती जिसके कारण वें व्यापारियों को फसल बेच रहे हैं। उन्हें सरसों की पेमेंट भी बिक्री के वक्त ही मिल जाती है।