SC की बड़ी टिप्पणी, कहा: किसी को कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए मजबूर नहीं कर सकते

By  Vinod Kumar May 2nd 2022 11:40 AM -- Updated: May 2nd 2022 03:17 PM

कोविड संकट के बीच केंद्र सरकार वैक्सीनेशन अभियान को तेजी से चला रही है। वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट ना होने पर कई पाबंदियां भी केंद्र-राज्य सरकारों की ओर से लगाई गई हैं। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर बड़ी टिप्पणी की है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कोरोना वैक्सीनेशन के लिए किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट में कोविड वैक्सीनेशन की अनिवार्यता को असंवैधानिक घोषित करने वाली याचिका पर सुनवाई चल रही थी। इस दौरान कोर्ट ने यह टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीति निर्माण पर कुछ कहना उचित नहीं है, लेकिन किसी को भी वैक्सीनेशन के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। सरकार जनहित में लोगों को जागरूक कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार जनहित में लोगों को जागरूक कर सकती है। बीमारी की रोकथाम के लिए पाबंदियां लगा सकती है, लेकिन वैक्सीने के लिए किसी तरह की खास दवा लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकती। इसके अलावा कोर्ट ने सुझाव दिया कि कोविड टीका न लगवाने वाले लोगों को सार्वजनिक सुविधाओं के इस्तेमाल से रोकने के आदेश राज्य सरकारों को हटा लेने चाहिए। कोर्ट ने वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल का आंकड़ा सार्वजनिक करने के लिए भी कहा।

वैक्सीन नीति पर राज्य सरकारों को सुझाव देते हुए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब जबकि संक्रमण के फैलाव और तीव्रता के साथ संक्रमित लोगों की संख्या कम है तो सार्वजनिक क्षेत्रों में आने जाने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए। सरकारों ने यदि पहले से ऐसा कोई नियम या पाबंदी लगा रखी हो तो उसे वापस ले लें।

कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार से जनता और डॉक्टरों से बात कर एक रिपोर्ट प्रकाशित करने आदेश दिया है, कोर्ट ने कहा कि वैक्सीन के असर और प्रतिकूल प्रभाव का शोध सर्वेक्षण हो। कुल मिलाकार केंद्र सरकार की कोविड टीकाकरण की नीति को समुचित बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि टीका लगवाना या ना लगवाना हरेक नागरिक का निजी फैसला है। किसी की भी कोई भी टीका लगवाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।

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