हरियाणा को जीएसटी कंपन्सेशन फंड की मिली 761 करोड़ की पहली किस्त

By  Arvind Kumar October 7th 2020 09:43 AM

चंडीगढ़। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने जीएसटी के करीब 20,000 करोड़ रूपए के कंपन्सेशन-फंड में से हरियाणा के हिस्से के 761 करोड़ रूपए जारी कर दिए, इसके लिए उपमुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।

Rs. 761 crore released to Haryana as GST Compensation-Cess

डिप्टी सीएम ने बताया कि सोमवार को उन्होंने चंडीगढ़ से वर्चुअली केंद्र सरकार की 42वीं जीएसटी परिषद की बैठक में हिस्सा लिया था जिसमें नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण व राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों, मंत्रियों व कई वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया था।

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Rs. 761 crore released to Haryana as GST Compensation-Cess

educareदुष्यंत चौटाला ने बताया कि उन्होंने कल ही बैठक के दौरान केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि करीब 20,000 करोड़ रूपए की राशि इस समय कंपन्सेशन-फंड में पड़ी हुई है, उसे भी तुरंत राज्यों को दिया जाए। उन्होंने बताया कि अपने वायदे पर अमल करते हुए सीतारमण ने कंपन्सेशन-फंड को सभी राज्यों में आवंटित कर दिया, इसमें हरियाणा के हिस्से का 761 करोड़ रूपए भी जारी हो गए हैं।

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डिप्टी सीएम ने बताया कि उनके द्वारा हैंड सैनेटाइजर पर टैक्स की दर बारे जो मुद्दा उठाया था, उसको भी केंद्रीय वित्त मंत्री ने स्पष्ट कर दिया जिससे सभी राज्यों को लाभ होगा। उन्होंने यह भी बताया कि जीएसटी परिषद ने रिटर्न-फाइलिंग सिस्टम में बदलाव को भी मंजूरी दे दी है जिसमें GSTR1 और GSTR2B लिंक किए जाएंगे। उन्होंने जानकारी दी कि परिषद ने 2 करोड़ से कम टर्नओवर वाले करदाताओं को वर्ष 2019-20 के लिए वार्षिक रिटर्न को वैकल्पिक बनाया गया है।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से यह भी कहा कि हरियाणा का जीएसटी का इस वर्ष का काफी कंपन्सेशन बकाया है जिसको भी जल्द से जल्द देने के उपाय किए जाएं। उन्होंने बताया कि उन्होंने परिषद की चेयरपर्सन से यह भी अनुरोध किया है कि अभी केंद्र सरकार ने जीएसटी कंपन्सेशन-सैस को पांच की अवधि के बाद तीन या पांच वर्ष की अवधि निर्धारित करके भविष्य में भी चालू रखने की मांग की है।

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