हिमाचल: शनिवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सर संघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि पिछले 40 हजार साल पहले से भारत के सभी लोगों का डीएनए समान है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कई बलिदान दिए हैं। त्याग किया है। इसलिए हमारी संस्कृति आज भी जीवित है। हमारा देश फल-फूल रहा है। हम अपने पूर्वजों का अनुकरण करते हैं। लिहाजा हमारी निष्ठा भी उनके प्रति है।
आरएसएस प्रमुख (फाइल फोटो)
उन्होंने कहा कि भारत की अविभाजित भूमि सदियों से विदेशी आक्रमणकारियों से कई लड़ाई हारी, क्योंकि लोग एकजुट नहीं थे। भागवत ने बीआर अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि हम कभी किसी की ताकत से नहीं, बल्कि अपनी कमजोरियों से हारते हैं। उन्होंने कहा कि भारत एक विश्व शक्ति नहीं है, लेकिन निश्चित रूप से महामारी के बाद विश्व गुरु बनने की क्षमता है।
पूर्व सैनिक प्रबोधन कार्यक्रम में RSS प्रमुख
धर्मशाला में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को मीडिया सरकार का रिमोट कंट्रोल बताता है। इसमें बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। यह असत्य है। सरकार हमारे स्वयं सेवकों को कोई आश्वासन नहीं देती है। लोग हमसे पूछते हैं कि हमें सरकार से क्या मिलता है। तो मैं ऐसे लोगों को बता दूं कि हमारे पास जो कुछ भी है, उसे हमें खोना भी पड़ सकता है।
चिकित्सा में प्राचीन भारतीय प्रथाओं के बारे में मोहन भागवत ने कहा कि हमारे पारंपरिक भारतीय उपचार काड़ा, क्वाथ थे, लेकिन अब पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय मॉडल का ही पालन करना चाहती है। हमारा देश भले ही विश्व शक्ति न बने, लेकिन विश्व गुरु जरूर हो सकता है।
आरएसएस प्रमुख (फाइल फोटो)
कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर हादसे में अपनी जान गंवाने वाले CDS बिपिन रावत समेत सभी 14 लोगों की याद में एक मिनट का मौन रखा। सूत्रों के मुताबिक भागवत हिमाचल प्रदेश के पांच दिवसीय दौरे पर हैं, वह तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा से मिल सकते हैं।