भारत अपने 75वें स्वतंत्रता दिवस के जशन में डूबा हुआ है। देशभर में तिरंगा यात्रा के साथ साथ घर-घर तिरंगा अभियान शुरू किया गया है। लोगों से घर पर तिरंगा फहराने की अपील की जा रही है।
स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले आरआरएस प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में 'उत्तीष्ट भारत' कार्यक्रम में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हम अलग दिख सकते हैं। हम अलग-अलग चीजें खा सकते हैं, लेकिन अस्तित्व में एकता है। आगे बढ़ना कुछ ऐसा है जो दुनिया भारत से सीख सकती है।
भागवत ने कहा कि हमारा देश भारत विविधताओं को अपने भीतर समेटे हुए है। पूरी दुनिया की निगाहें हमारी तरफ लगी हैं। भारत को भारत के नाते बड़ा बनाना है। चीन अपने सामर्थ्य का विस्तार करने की कोशिश में रहता है। अमेरिका सारी दुनिया में अपनी चलाता है।
उन्होंने कहा, हममें मतभेद पैदा करने के लिए अनावश्यक रूप से जातियों की खाईं बनाई गई। भारत को बड़ा बनाना है। इसके लिए हमें डरना छोड़ना होगा। डरना छोड़ेंगे तो भारत अखंड होगा। हम अहिंसा के पुजारी जरूर हैं, लेकिन दुर्बलता के नहीं।
भागवत ने कहा कि ऐसी कई ऐतिहासिक घटनाएं जिनके बारे में ना कभी हमें बताया गया और न ही उन्हें सही तरीके से सिखाया गया है। जिस जगह पर संस्कृत व्याकरण का जन्म हुआ वो भारत में ही नहीं है। क्या इस बारे में हमने कभी सवाल पूछा? हम पहले ही अपने ज्ञान को भूल गए थे, बाद में विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारी जमीनों पर कब्जा कर लिया। मतभेद पैदा करने के लिए बिना वजह जातियों की खाई बनाई गई.