सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का आज एक बार फिर सफल परीक्षण किया गया है। भारतीय नौसेना (Indian Navy) के अपने युद्धपोत आईएनएस विशाखापत्तनम (INS Visakhapatnam) से पश्चिमी समुंद्र तट से शुक्रवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos Supersonic Cruise Missile) का परीक्षण किया है।
गौरतलब है कि 21 फरवरी को राष्ट्रपति की फ्लीट रिव्यू में हिस्सा लेने के लिए युद्धपोत को विशाखापत्तनम लाया गया है। आईएनएस विशाखापत्तनम हाल ही में शामिल हुआ भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है। वहीं ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों का मुख्य हथियार सिस्टम है और इसे इसके लगभग सभी सतही प्लेटफार्म पर तैनात किया गया है।
ब्रह्मोस भारतीय सेना के मुख्य हथियारों में से एक है। ब्रह्मोस की एंटी शिप, लैंड अटैक और हवा से मार करने वाली मिसाइलों को नेवी, आर्मी और एयरफोर्स पहले से ही इस्तेमाल कर रही है। इसका एक अंडरवाटर वेरिएंट भी विकसित किया जा रहा है, जिसका इस्तेमाल ना केवल भारत की पनडुब्बी कर सकेंगी, बल्कि मित्र देशों को भी निर्यात किया जाएगा। समुद्र से छोड़ी जाने वाली ये मिसाइल जहाजों को निशाना बनाने में सक्षम तो हैं ही, धरती पर भी दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकती हैं।
ब्रह्मोस को तैयार करने का काम भारत-रूस के वैज्ञानिक मिलकर कर रहे हैं। ब्रह्मोस मिसाइलें 2.8 मैक यानी आवाज की गति से लगभग तीन गुना रफ्तार से उड़कर दुश्मन के ठिकानों तबाह करने की क्षमता रखती हैं। इतनी रफ्तार होने के कारण इसे पकड़ना भी मुश्किल होता है। पिछले महीने ब्रह्मोस के एडवांस वर्जन का परीक्षण किया गया था, जिसे पनडुब्बी, जहाज, विमान और जमीन कहीं से भी छोड़ा जा सकता है।