चंडीगढ़ में 14 फरवरी से खुलेंगे सभी शिक्षण संस्थान, नाइट कर्फ्यू हटाने का भी निर्णय
चंडीगढ़: कोरोना के मामलों में कमी को देखते हुए चंडीगढ़ प्रशासन ने पाबंदियों में ढील दी है। प्रशासन ने स्कूल और कोचिंग सेंटर्स को पूरी क्षमता के साथ खोलने का निर्णय किया है। इसके साथ ही बर्ड पार्क और रॉक गार्डन को खोले जाने का फैसला भी लिया है। इसके साथ ही नाइट कर्फ्यू को भी खत्म कर दिया गया है। रात को साढ़े 12 बजे से सुबह 5 बजे तक गैर-ज़रुरी कामों के लिए निकल पाएगें। स्कूलों और कोचिंग सेंटर्स को 14 फरवरी से फुल कैपेसिटी के साथ खोले जाने का भी निर्णय लिया गया है। सभी स्टूडेंट्स को शैक्षणिक संस्थान में आकर पढ़ाई करने की अनुमति रहेगी। इसी के साथ आनलाइन और आफलाइन पढ़ाई पहले की तरह चलती रहेगी। निर्देशों के अनुसार स्टूडेंट्स शैक्षणिक संस्थानों में कोरोना नियमों का पालन करते हुए एंट्री पा सकेंगे। 15 वर्ष से अधिक आयु वाले स्टूडेंट्स के पास कोविड वैक्सीनेशन की पहली डोज होनी अनिवार्य है। इसके अलावा कोरोना नियमों का पालन कराना स्कूल प्रिंसिपल और हेडमास्टर की जिम्मेदारी रहेगी। इस विषय में चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा सचिव विस्तृत आदेश जारी करेगें। 12 फरवरी से शहर का रॉक गार्डन और बर्ड पार्क भी खोले जाने का फैसला चंडीगढ़ प्रशासन ने वॉर रुम की बैठक में लिया है।शहर के दो बड़े टूरिस्ट प्लेस रॉक गार्डन और बर्ड पार्क पिछले एक महीने से बंद पड़े हुए थे। शहर के बाजारों, मंडियों, मॉल्स, होटल्स, सिनेमा हॉल्स, म्यूजियम्स, रेस्टोरेंट्स, स्वीमिंग पूल्स, हेल्थ सेंटर्स आदि पर लगी पाबंदियां हटा ली गई हैं। इनडोर में 200 तक और आउट डोर में 500 संख्या में लोग जमा हो सकते हैं, लेकिन कुल क्षेत्र के 50 प्रतिशत क्षमता से अधिक की भीड़ जमा नहीं हो सकती। वहीं, शादी विवाह जैसे सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी ज्यादा मेहमान बुला सकेंगे। इसके लिए इंडोर में 200 और आउटडोर में 500 लोगों को बुला सकेंगे। 11 फरवरी से यह आदेश प्रभाव में आ जाएगें। आदेशों का उल्लंघन करने पर डिसास्टर मैनेजमेंट एक्ट और आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी। चंडीगढ़ प्रशासन इससे पहले शहर की 5 सबसे व्यस्त छोटी मार्केट को राहत दे चुका है। इनकी टाइमिंग पहले शाम 5 बजे तक की गई थी। कोरोना केस कम होने के बाद वॉर रुम की बैठक में टाइम पहले वाला ही कर दिया गया था। इसके साथ की कोचिंग सेंटर्स भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोले जाने का फैसला लिया गया था। सुखना लेक को भी पहले की तरह पूरी तरह खोल दिया गया था।