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मेडिकल विद्यार्थियों को कर्ज के दलदल में धकेलने वाला फैसला वापस ले BJP सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Arvind Kumar -- November 09th 2020 03:54 PM
मेडिकल विद्यार्थियों को कर्ज के दलदल में धकेलने वाला फैसला वापस ले BJP सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा

मेडिकल विद्यार्थियों को कर्ज के दलदल में धकेलने वाला फैसला वापस ले BJP सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा

•दीपेन्द्र हुड्डा बोले- MBBS कोर्स की सालाना फीस ₹53,000 से सीधे ₹ 10 लाख करना अन्याय • देश में सबसे महंगी शिक्षा में भी हरियाणा नम्बर-1 • किसानों को कर्ज के दलदल में फंसाने वाली बीजेपी सरकार अब मेधावी छात्रों को कर्ज के दलदल में धकेल रही चंडीगढ़। राज्य सभा सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 20 गुना फीस बढ़ाए जाने का कड़ा विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। उन्होंने कहा कि एक ओर हुड्डा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में 6 नये सरकारी मेडिकल कॉलेज खुले व कुल सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 7 पहुँची, वहीँ दूसरी ओर 6 वर्षीय खट्टर सरकार में नया खोलना तो दूर अब सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सालाना फ़ीस बेतहाशा बढ़ाकर ₹53,000 से सीधे ₹ 10 लाख कर दी गई। उन्होंने कहा कि हुड्डा सरकार के समय सस्ती और सुलभ उच्च शिक्षा वाला हरियाणा अब देश में सबसे महँगी शिक्षा में नम्बर-1 हो गया है। [caption id="attachment_447812" align="aligncenter" width="700"]MBBS Fees Increase मेडिकल विद्यार्थियों को कर्ज के दलदल में धकेलने वाला फैसला वापस ले BJP सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा[/caption] उन्होंने हर साल 10 लाख रुपये के बॉन्ड लिये जाने पर भी आपत्ति जताते हुए कहा कि किसानों को कर्ज के दलदल में फंसाने वाली बीजेपी सरकार अब गरीब और मध्यम वर्ग के मेधावी छात्रों को कर्ज के दलदल में धकेलना चाहती है। दीपेन्द्र हुड्डा ने मांग करी कि मेडिकल विद्यार्थियों को कर्ज के दलदल में धकेलने वाला फैसला वापस ले BJP सरकार। यह भी पढ़ें- हरियाणा: शादियों का ‘शौकीन’ NRI दूल्हा गिरफ्तार [caption id="attachment_447810" align="aligncenter" width="700"]MBBS Fees Increase मेडिकल विद्यार्थियों को कर्ज के दलदल में धकेलने वाला फैसला वापस ले BJP सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा[/caption] दीपेन्द्र हुड्डा ने आगे कहा कि आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर हरियाणा में है, ऐसे में नयी नौकरी मिलना तो दूर जिनके पास पहले से नौकरी थी वो भी जा रही है। डॉक्टरी की पढाई पूरी करने वालों को सरकार नौकरी की गारंटी दिए बिना उनपर कर्ज का बोझ लाद रही है। जिन्हें नौकरी नहीं मिलेगी, उन्हें बांड के तौर पर लिये कर्ज का पैसा खुद किस्तो में चुकाना होगा। यह भी पढ़ें- बाइडन का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए क्या मायने रखता है? [caption id="attachment_447813" align="aligncenter" width="700"]MBBS Fees Increase मेडिकल विद्यार्थियों को कर्ज के दलदल में धकेलने वाला फैसला वापस ले BJP सरकार: दीपेन्द्र हुड्डा[/caption] सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने बताया कि सरकार के इस युवा विरोधी फैसले के चलते प्रदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए सालाना 10 लाख रु. का बॉन्ड देना होगा। साढ़े 4 साल के कोर्स के लिए कुल 40 लाख बॉन्ड देना होगा। पहले साल के लिए फीस 80,000 रुपये तय की गई है, जिसमें हर साल 10 फीसदी का बढ़ोतरी होती रहेगी। दूसरे साल यह 88,000 रुपये, तीसरे साल 96,800 रुपये और चौथे साल 1,06,480 रुपये हो जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार के इस फैसले से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी या तो कोई दूसरा रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे या फिर निजी मेडिकल कॉलेजों में जाना उनकी मजबूरी होगी। ऐसे में सरकारी मेडिकल कॉलेजों पर ताला लगाने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा।


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