BJP ने जनता पर डाला 1.5 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ, मोदी सरकार के लिए चुनावी जीत लूट का लाइसेंस: सुप्रिया श्रीनेत
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने चंडीगढ़ में एक मीडिया कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र की बीजेपी सरकार को जमकर घेरा। साथ ही पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर भी सरकार को आड़े हाथ लिया। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि का "दैनिक गुडमॉर्निंग गिफ्ट" लोगों को मिल रहा है। पिछले 16 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 14 बार वृद्धि हुई है। पेट्रोल और डीजल की कीमत पूरे भारत में 10 रुपये प्रति लीटर बढ़ गई है। भारत सरकार के 'पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल' के अनुसार, वर्ष 2020-21 में पेट्रोल की खपत 27,969 हजार मीट्रिक टन थी। 10/लीटर की कीमत में वृद्धि से लोगों पर अतिरिक्त वार्षिक बोझ 27,969 करोड़ हो जाता है। [caption id="attachment_551016" align="alignnone" width="900"] [/caption] कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि जब कांग्रेस-यूपीए सरकार सत्ता में थी, तब पेट्रोल और डीजल क्रमशः 71.41 रुपये और 55.49 रुपये प्रति लीटर पर था, जो अब चंडीगढ़ में बढ़ाकर 104.74 रुपये प्रति लीटर और 90.83 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। मई, 2014 में (जब भाजपा ने सत्ता संभाली थी) पेट्रोल पर इक्साइज़ ड्यूटी 9.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.46 रुपये प्रति लीटर था। पिछले आठ वर्षों में, भाजपा सरकार ने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.70 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.34 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त बढ़ा दिया है। यह डीजल पर उत्पाद शुल्क में 531% और पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 203% की वृद्धि है। मोदी सरकार ने अकेले पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर आठ वर्षों में 26,00,000 करोड़ रुपये (26 लाख करोड़) कमाए हैं। इसके साथ ही केंद्र ने अन्य पेट्रोलियम पदार्थों में बेतहाशा बढ़ोतरी की है। '62 करोड़ किसानों पर टैक्स' सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि मोदी सरकार किसान आंदोलन के लिए भारत के अन्नदाताओं से बदला ले रही है। 50 किलोग्राम के डीएपी बैग की कीमत में 150 प्रति बैग बढ़ायी गई है, जिससे यह 1200 से 1350 प्रति बैग हो गया है। भारत के किसान हर साल 1,20,00,000 टन (1.20 लाख करोड़ टन) डीएपी की खपत करते हैं। किसानों पर अतिरिक्त भार 3,600 करोड़ रुपये आता है। 50 किलोग्राम के एनपीकेएस बैग की कीमत में 110 प्रति बैग की वृद्धि की गई है, जिससे यह 1290 से 1400 प्रति बैग हो गया है। किसानों पर अतिरिक्त भार 3,740 करोड़ रुपये आता है। 'घर खर्च 44.97% बढ़ा' कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि घर चलाने का खर्च 6 महीने में 9.3% और 2 साल में 44.97% बढ़ गया है। पिछले 8 सालों में आटे और चायपत्ती का दाम तिगुना हो गया है, बेसन ढाई गुना, राजमा, दालें तिगुनी महँगी हैं और पकौड़ा तलने का तेल 240/लीटर के पार है। खाद्य सामग्री के दामों में 22% वृद्धि होने का और अनुमान है। निम्बू की खटास बढ़ी, 5 दिनों में ही 80 रुपए प्रति किलो तक बढ़ कर अब क़ीमत हुई 300 प्रति किलो के पार। भिंडी, तुरई, शिमला मिर्च और हरी मिर्च 100 के पार। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि टोल टैक्स ने लोगों की जेबों में और डाका डाला जा रहा है। 1 अप्रैल से प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल टैक्स में 10-18% की वृद्धि की गई है। मोदी सरकार ने बीमार रोगियों को भी नहीं बख्शा है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने 1 अप्रैल से लगभग 800 आवश्यक दवाओं की कीमतों में 10.76% की वृद्धि की घोषणा की है| स्टील, सीमेंट, ईंटों, तांबा, सैनिटरी फिटिंग, लकड़ी आदि जैसी निर्माण सामग्री कीm बढ़ती लागत के कारण अप्रैल में आवास की कीमतें और निर्माण लागत 15% अधिक हो गई हैं।