सरकारी आवासों पर अवैध कब्जा जमाए लोगों पर अब कसेगा शिकंजा
नई दिल्ली। सार्वजनिक परिसरों के सरकारी आवासों पर अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठे लोगों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। सरकार ने ‘सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) संशोधन विधेयक, 2019’ के नाम से एक नया विधेयक पेश करने को मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के पास होने के बाद सरकारी आवासों पर अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठे लोगों को बड़ी आसानी एवं तेजी से बेदखल करने में मदद मिलेगी और इस तरह से खाली होने वाले आवास प्रतीक्षा सूची में अपनी बारी का इंतजार कर रहे पात्र लोगों को आवंटन के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। [caption id="attachment_306199" align="aligncenter" width="700"] कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री[/caption] नया विधेयक ‘सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) संशोधन विधेयक, 2017’ के स्थान पर लाया गया है। इस नए विधेयक को संसद के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा। यह भी पढ़ें : जम्मू और कश्मीर में 6 महीने के लिए बढ़ाई गई राष्ट्रपति शासन की अवधि नए विधेयक में ‘सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) अधिनियम, 1971’ की धारा 2, धारा 3 और धारा 7 में संशोधन करने की बात कही गई है। इसके लिए धारा 2 में अनुच्छेद (एफबी) से पहले अनुच्छेद (एफए), धारा 3 की धारा 3ए के नीचे एक नई धारा 3बी और ‘सार्वजनिक परिसर (अनधिकृत लोगों की बेदखली) अधिनियम, 1971’ की धारा 7 के तहत उप-धारा (3) के नीचे एक नई उप-धारा 3ए जोड़ने की बात कही गई है। [caption id="attachment_306198" align="aligncenter" width="700"] सरकारी आवासों पर अवैध कब्जा जमाए लोगों पर अब कसेगा शिकंजा[/caption] प्रस्तावित संशोधनों से संपदा अधिकारी सरकारी आवासों पर अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठे लोगों की बेदखली के लिए बिना विलंब के कार्रवाई करने और मुकदमेबाजी की अवधि के दौरान सरकारी आवास पर कब्जा बनाए रखने के एवज में क्षति प्रभार लगाने में समर्थ हो जाएंगे। वर्तमान पीपीई अधिनियम, 1971, जिसमें पीपीई अधिनियम विधेयक, 2015 के जरिए संशोधन किया गया है, के तहत बेदखली की प्रक्रिया में लगभग 5 से 7 हफ्तों का समय लग जाता है। हालांकि, अवैध रूप से कब्जा जमाए बैठे लोगों को बेदखल करने में बेहद लंबा समय, यहां तक कि कई वर्ष भी लग जाते हैं। प्रस्तावित विधेयक के तहत संपदा अधिकारी को नोटिस भेजने, कारण बताओ नोटिस भेजने और जांच करने जैसी लंबी-चौड़ी प्रक्रियाओं का पालन नहीं करना होगा, बल्कि वे तत्काल बिना किसी विलंब के बेदखली प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। यह भी पढ़ें : बादशाहपुर में भारी पुलिसबल की मौजूदगी में तोड़फोड़, 70 से ज्यादा दुकानें तोड़ी