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खराब हवा सांसों पर पड़ रही भारी, हरियाणा के 7 शहरों समेत दिल्ली की वायु गुणवत्ता हुई खराब

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Vinod Kumar
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खराब हवा सांसों पर पड़ रही भारी, हरियाणा के 7 शहरों समेत दिल्ली की वायु गुणवत्ता हुई खराब
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Haryana and delhi air quality: अक्तूबर महीना खत्म होने से पहले ही हरियाणा के 7 प्रमुख शहरों में लोगों का हवा से दम घुटना शुरू हो गया है। इन शहरो में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया है। हवा की गुणवत्ता खराब (deteriorates air quality) होते ही हरियाणा सरकार ने ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) की स्टेज टू गाइडलाइन लागू कर दी है। साथ ही निर्माण स्थलों पर एंटी स्मॉग गन का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। हरियाणा के धारूहेड़ा, बहादुरगढ़, फरीदाबाद,चरखी दादरी, रोहतक गुरुग्राम, मेवात में AQI सामान्य से खराब स्थिति में आ गया हैं। पूर्वानुमान के अनुसार 22 अक्टूबर तक प्रदूषण का स्तर 300 से अधिक जाने का अनुमान आशंका है। इसलिए NCR क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ग्रेडिड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) की स्टेज टू गाइडलाइन को लागू किया गया है। खराब हवा के लिए मौसम में बदलाव और पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार माना जा रहा है। हालांकि इस साल पिछले साल के पराली जलाने की घटनाओं में 54.77 प्रतिशत की कमी आई है। करनाल में अभी तक पराली जलाने के 117 मामले सामने आ चुके हैं। पिछले साल इस समय तक पराली जलाने की 396 घटनाएं सामना आईं थी। ऐसे में सवाल है कि वायु प्रदूषण के लिए किसानों को कैसे जिम्मेदार माना जा सकता है। हरियाणा में दिवाली से पहले ही प्रदूषण का स्तर बहुत खराब स्तर को छू चुका है। Delhi air quality to worsen, AQI likely to cross 300 on Oct 22 वहीं, राजधानी दिल्ली की हवा भी लोगों की सांसों पर भारी पड़ रही है। आने वाले दिनों में इसकी गुणवत्ता और भी खराब हो सकती है। शनिवार को दिल्ली के कई इलाकों में PM 2.5 300 से ऊपर रहा था। लोगों को आंखों और नाक में जलन महसूस हुई। इसी को ध्यान में रखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का दूसरा चरण लागू कर दिया है। इसके तहत खुले भोजनालय, होटल, रेस्तरां में कोयला और लकड़ियों में आग जलाने पर प्रतिबंध लग गया है। इसके तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटर का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित है। किससे कितना प्रदूषण वाहनों का धुआं- 30% प्रदूषण कारखाने- 15% प्रदूषण कचरा जलाने से- 15% प्रदूषण धूल- मिट्टी- 15% प्रदूषण बायोमास जलाने से- 15% प्रदूषण डीजल जनरेटर और पावर प्लांट से- 10% प्रदूषण बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को गंभीर श्रेणी में माना जाता है।  
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