120 डिग्री तक झुकी हुई थी 12 साल की दीपांशी की रीढ़ की हड्डी, 10 घंटे की सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने किया सीधा
नूंह मेवात/एके बघेल: हरियाणा के नूंह जिले के पुन्हाना कस्बे की दीपांशी एक रीड की हड्डी की दुर्लभ बीमारी से पीड़ित थी। माता पिता बच्ची की बीमारी को देखकर काफी परेशान होने लगे थे। दीपांशी अपनी बीमारी की वजह से 120 डिग्री झुक कर चलने लगी थी। इसकी वजह से उसे उठने बैठने खेलने कूदने पढ़ने लिखने में काफी परेशानी होने लगी थी। दीपांशी अभी 12 साल की है। सात साल की उम्र से ही रीढ़ की हड्डी की एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित हो गई। बीमारी के कारण उसकी पीठ सामान्य रीढ़ की हड्डी से अगल-बगल झुकने लगी। दीपांशी की माता-पिता की चिंता उसके आने वाले भविष्य को लेकर भी बढ़ने लगी थी। कई जगह दीपांशी के इलाज के लिए गए, लेकिन कई साल बाद उन्हें आखिरकार दीपांशी के इलाज का रास्ता मिल गया। फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल में एक जटिल सर्जरी के बाद दीपांशी की रीढ़ की हड्डी को उसके सीधे आकार में कर दिया है। अब दीपांशी सर्जरी के बाद सीधी खड़ी हो सकती है, जिसको देख पूरा परिवार काफी खुश नजर आ रहा है। दीपांशी के पिता ने बताया कि सर्जरी के समय डॉक्टरों ने कहा था कि ऑप्रेशन के बाद बेटी के लकवाग्रस्त होने का भी खतरा है। इसलिए, रीढ़ की हड्डी के आसपास के ऊतकों को ढीला करने के लिए उसे एक सप्ताह के लिए स्पाइनल ट्रैक्शन में रखा गया था। इसके बाद रीढ़ की हड्डी कर्व 120 डिग्री से 80 डिग्री तक कम हो गई थी। इसके बाद डॉक्टरों ने उसका ऑपरेशन किया। उन्होंने कहा कि स्पाइनल कर्व 120 डिग्री से घटकर सिर्फ 46 डिग्री रह गया, जिससे दीपांशी अब पूरी तरह ठीक हो गई है। सर्जरी के चार दिन बाद छुट्टी दे दी गई। दीपांशी के माता पता का कहना है कि दीपांशी की सर्जरी 10 घंटे तक चली जिसमें एक बड़ी डॉक्टरों की टीम शामिल थी। टीम में डॉ. आशीष तोमर, सीनियर कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक्स एंड स्पाइन सर्जरी विशेषज्ञ शामिल थे। दीपांशी के परिजन पिछले 2 सालों से डॉ. आशीष तोमर से बच्ची की बीमारी को लेकर सलाह मशवरा करते रहे। आखिरकार सफल ऑपरेशन के बाद अब दीपांशी सामान्य बच्चों की तरह चल फिर सकती है जिसे देख अब पूरा परिवार खुश नजर आ रहा है।