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सेना को मिली बड़ी ताकत, DRDO का शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम-10 एम भारतीय सेना में शामिल

Written by  Arvind Kumar -- July 03rd 2021 10:29 AM
सेना को मिली बड़ी ताकत, DRDO का शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम-10 एम भारतीय सेना में शामिल

सेना को मिली बड़ी ताकत, DRDO का शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम-10 एम भारतीय सेना में शामिल

नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित 12 शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम (एसएसबीएस) -10 एम के पहले उत्पादन लॉट को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने भारतीय सेना में शामिल किया है। दरअसल एसएसबीएस-10 एम सैनिकों की तेजी से आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए 4 एम चौड़ी पूर्ण सड़क प्रदान करता है और 9.5 एम के अंतराल को एक स्पेन से पाटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डीआरडीओ की प्रमुख इंजीनियरिंग प्रयोगशाला अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान, पुणे ने मेसर्स एलएंडटी लिमिटेड के सहयोग से इस प्रणाली को डिजाइन और विकसित किया है। यह 12 पुल उत्पादन एजेंसी मेसर्स एलएंडटी लिमिटेड से 102 एसएसबीएस-10 एम का हिस्सा हैं। यह भी पढ़ें- हरियाणा पुलिस ने सोनीपत से पकड़ा मोस्ट वांटेड अपराधी यह भी पढ़ें- हरियाणा: सरकारी गोदाम से सरसों की 6512 बोरियां गायब प्रोजेक्ट शॉर्ट स्पैन ब्रिजिंग सिस्टम में टाट्रा 6x6 चेसी पर 5 एम एसएसबीएस के दो प्रोटोटाइप और टाट्रा 8x8 री-इंजीनियर चेसी पर 10 एम एसएसबीएस के अन्य दो प्रोटोटाइप को विकसित करना शामिल था। दोनों प्रणालियों में गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए), मौसम और प्रयोक्ता परीक्षणों से गुजरे हैं और सभी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद सेवाओं में शामिल करने के लिए इन प्रणालियों की सिफारिश की गई। [caption id="attachment_511914" align="aligncenter" width="780"] Army inducts Short Span Bridging System for smooth movement of tanks[/caption] यह ब्रिजिंग सिस्टम सर्वत्र ब्रिजिंग सिस्टम (75 एम) के साथ फिट हैं, जहां अंतिम स्पेन में 9.5 एम से कम अंतराल को कवर करने की आवश्यकता होती है। तैनात पुल एमएलसी 70 के लोड वर्गीकरण का है। इस प्रणाली से सैनिकों की त्वरित आवाजाही में मदद मिलेगी और संसाधनों की तैनाती बढ़ेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय सेना और उद्योग को इस प्रणाली के सफल विकास के लिए और शामिल होने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि इस इंडक्शन से तेजी से बढ़ते भारतीय रक्षा औद्योगिक पारितंत्र को बढ़ावा मिलेगा और उद्योग को 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में योगदान करने में मदद मिलेगी। डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ जी सतीश रेड्डी ने इस ब्रिजिंग सिस्टम का सफल विकास करने और भारतीय सेना में शामिल करने पर टीमों को बधाई दी।


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