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पेट्रोल-डीजल के बाद अब इलाज भी होगा महंगा, 1 अप्रैल से बढ़ेंगे दवाइयों के दाम

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- March 27th 2022 12:19 PM
पेट्रोल-डीजल के बाद अब इलाज भी होगा महंगा, 1 अप्रैल से बढ़ेंगे दवाइयों के दाम

पेट्रोल-डीजल के बाद अब इलाज भी होगा महंगा, 1 अप्रैल से बढ़ेंगे दवाइयों के दाम

पेट्रोल-डीजल और एलपीजी के रेट इन दिनों देश में लगातार बढ़ ही रहे हैं। अब लोगों को एक और और झटका लगने वाला है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले महीने से कई जरूरी दवाओं की कीमतें बढ़ जाएंगी। भारत की ड्रग प्राइसिंग अथॉरिटी ने शेड्यूल दवाओं के लिए कीमतों में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी की अनुमति दे दी है, जिसके बाद अब घर घर में हर छोटी बिमारी के लिए इस्तेमाल होने वाली पैरासिटामॉल समेत 800 से ज्यादा दवाओं के दाम बढ़ जाएंगे। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NPPA) के नोटिस में कहा गया है, "आर्थिक सलाहकार, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के कार्यालय द्वारा उपलब्ध कराए गए डब्ल्यूपीआई आंकड़ों के आधार पर, डब्ल्यूपीआई में वार्षिक परिवर्तन कैलेंडर वर्ष 2021 के दौरान 2020 में इसी अवधि की तुलना में 10.76607% के रूप में काम करता है।" इन दवाओं की बढ़ सकती हैं कीमतें अगर नई कीमतें आती हैं तो 1 अप्रैल से बुखार, इन्फेक्शन, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर, त्वचा रोग और एनीमिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं। इसके अलावा पैरासिटामॉल, फेनोबार्बिटोन, फ़िनाइटोइन सोडियम, एज़िथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड और मेट्रोनिडाज़ोल जैसी दवाएं शामिल हैं। Drug Pricing Authority of India, NPPA, scheduled medicine,  इसेंशियल लिस्ट की दवाएं भी होंगी महंगी सबसे अहम बात ये है कि इस महंगाई की चपेट में वो दवाएं भी आएंगी जो नेशनल इसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिन (एनईएलएम) में शामिल हैं। इस लिस्ट में एंटीबायोटिक्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, कान-नाक और गले की दवाएं, एंटीसेप्टिक्स, पेन किलर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मेडिसिन और एंटीफंगल दवाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इनमें भी काफी बढ़ोतरी हो सकती है। चीन से कच्चा माल प्रभावित होने से बढ़ रही कीमतें दवा तैयार करने के लिए आवश्यक कच्चा माल अधिकांश चीन से आता है। कोरोना महामारी और अन्य वजहों से आपूर्ति प्रभावित हुई है। इस पर जर्मनी और सिंगापुर से दवाओं का कच्चा माल लाया जा रहा है। चीन के मुकाबले इसकी कीमत अधिक होने के कारण कीमतों में वृद्धि हुई है। Drug Pricing Authority of India, NPPA, scheduled medicine,  क्या होती हैं शेड्यूल दवाइयां शेड्यूल दवाइयों में जरूरी दवाइयां शामिल होती हैं। इसमें ऐसी दवाएं होती हैं, जिनकी कीमतें दवा कंपनियां स्वयं से नहीं बढ़ा सकतीं। इन दवाओं की कीमतें बढ़ाने के लिए अनुमति लेनी पड़ती हैं। इनमें वे दवाइयां भी शामिल हैं, जिनका उपयोग मध्यम से लेकर गंभीर लक्षणों वाले कोरोना मरीज के उपचार में हो रहा है।  


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