गाम्बिया में कफ सिरप से मौत का मामला: सोनीपत में फैक्ट्री में लगा ताला, रोहतक-गुरुग्राम में दवा स्टोर पर छानबीन
सोनीपत: कफ सिरप से साउथ अफ्रीका के गाम्बिया में हुई बच्चों की मौत के आरोपों के बीच सोनीपत में जहां फैक्ट्री पर ताला लगा दिया गया है, वहीं ड्रग कंट्रोलर ने रोहतक और गुरुग्राम में दवा स्टोर्स पर छानबीन की है। कार्रवाई के बाद दवा स्टोर संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
ड्रग कंट्रोलर के मुताबिक मार्केट में 4 तरह की कफ सिरप बैन हैं और इसको लेकर जगह-जगह जांच की जा रही है। उन्होंने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि ये प्रतबंधित कफ सिरप किसी भी दवा स्टोर पर बिक्री के लिए दिखें, तो तुरंत अधिकारियों को सूचित करें। इसको लेकर ड्रग कंट्रोलर की ओर से एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में बनीं चार कंपनियों की कफ एंड कोल्ड सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। WHO ने कहा कि ये घटिया चिकित्सा उत्पाद अपने गुणवत्ता मापदंडों को पूरा नहीं करते है। ये अलर्ट गाम्बिया में 66 बच्चों की मौत के बाद जारी हुआ है। WHO ने इन कफ सिरप पर तुरंत रोक लगाने की सलाह दी है।
कफ सिरप प्रोमेथाजिन ओरल सॉल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी सिरप, मकॉफ बेबी कफ सिरफ, मैग्रीप एन कोल्ड सिरप हरियाणा की मेडेन फार्मास्युटिकल्स बनाती है। गाम्बिया में इन सिरप के पीने से बच्चों की मौत की सूचना है। अलर्ट जारी किए जाने के बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ( CDSCO) ने कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, लैब में जांच के दौरान इन चारों कफ सिरप में डाइथिलीन ग्लायकोल और इथिलीन ग्लायकोल की मात्रा जरूरत से ज्यादा मिली है, जो कि स्वास्थ्य के लिए जानलेवा है।
दरअसल अफ्रीकी देश गाम्बिया में जुलाई के महीने में अलर्ट जारी किया गया था। यहां किडनी की समस्या से दर्जनों बच्चे बीमार हो रहे थे। अब तक 66 बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है। इन मौतों में एक ही समानता पाई गई थी। सभी बच्चों की उम्र 5 साल से कम थी। सभी बच्चे कफ सिरप पीने के 3 से 5 दिन बाद बीमार पड़ना शुरू हो रहे थे।