किसान ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- पता नहीं कब रद्द होंगे काले कानून
बहादुरगढ़। केंद्र सरकार से नाराज होकर एक किसान ने पर फांसी लगा दी। किसान ने बहादुरगढ़ के नए बस स्टैंड के सामने पेड़ पर रस्सी से फांसी लगाई। फांसी लगने से जींद के सिंघवाल गांव के कर्मबीर की मौत हो गई। [caption id="attachment_472858" align="aligncenter" width="700"] किसान ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- पता नहीं कब रद्द होंगे काले कानून[/caption] मृतक कर्मबीर के पास से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। सुसाइड नोट में लिखा है कि सरकार तारीख पर तारीख दे रही है। पता नहीं काले कानून कब रद्द होंगे। सुसाइड नोट में लिखा गया है कि जब तक काले कानून रदद् नही होंगे तब तक यंहा से नही जाएंगे। यह भी पढ़ें- कोविड 19 वैक्सीनेशन पंजीकरण की काॅल आए तो हो जाएं सावधान, हो सकते हैं ठगी का शिकार यह भी पढ़ें- बसंत पंचमी को धूमधाम से मनाया जाएगा सर छोटू राम का जन्मदिन [caption id="attachment_472860" align="aligncenter" width="700"] किसान ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- पता नहीं कब रद्द होंगे काले कानून[/caption] बहरहाल पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया दिया है। टिकरी बॉर्डर पर यह दूसरी आत्महत्या है। इससे पहले एक किसान ने जहर खाकर दिल्ली के हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया था। [caption id="attachment_472859" align="aligncenter" width="700"] किसान ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- पता नहीं कब रद्द होंगे काले कानून[/caption] गौर हो कि किसान आंदोलन को 45 दिन से ज्यादा का समय हो गया है लेकिन अभी तक सरकार और किसानों में सहमति नहीं बन पाई है। सरकार कृषि कानूनों को वापस लेने पर अड़े हैं वहीं सरकार संशोधन और कानून को होल्ड करने की बात कह रही है। ऐसे में सहमति ना बनने की वजह से आंदोलन लंबा खिंचता जा रहा है।