17 जुलाई को देशभर के विपक्षी पार्टियों के सांसदों को चेतावनी पत्र देंगे किसान
टीकरी बॉर्डर, बहादुरगढ़। (प्रदीप धनखड़) तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने और एमएसपी पर नया कानून बनवाने की मांग को लेकर किसान पिछले 7 महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। सड़क मोर्चे का यह आंदोलन लगातार जारी है।
इस आंदोलन को और तेज करने के लिए अब किसान 17 जुलाई को देशभर के विपक्षी सांसदों को चेतावनी पत्र देंगे और किसानों के समर्थन में या तो चुप्पी तोड़ने या फिर कुर्सी छोड़ने का आह्वान करेंगे। किसानों का कहना है कि किसान 22 जुलाई को संसद का घेराव करेंगे।
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विपक्षी सांसदों से किसानों ने मांग की है कि वे संसद के अंदर सरकार का घेराव करें और जब तक संसद चलेगी किसान बाहर से संसद का घेराव करेंगे। इतना ही नहीं किसानों का यह भी कहना है कि कृषि मंत्री बार-बार बातचीत के लिए कहते हैं। लेकिन कोई बुलावा नहीं भेजते। किसान पहले ही सरकार को बातचीत शुरू करवाने के लिए पत्र लिख चुके हैं। लेकिन अब तक सरकार ने बातचीत के लिए किसानों को कोई न्योता नहीं भेजा।
किसानों का कहना है कि वह हमेशा टेबल टॉक के लिए तैयार हैं। लेकिन आंदोलन तभी खत्म होगा जब तीनों कृषि कानून रद्द हो जाएंगे। किसानों का कहना है कि यह आंदोलन आने वाली फसलों और नस्लों को बचाने के लिए किया गया है। किसान किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे।