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कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा बोलीं- राइट टू रिकॉल बिल लोकतंत्र पर प्रहार

Written by  Arvind Kumar -- November 07th 2020 03:11 PM -- Updated: November 07th 2020 03:12 PM
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा बोलीं- राइट टू रिकॉल बिल लोकतंत्र पर प्रहार

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा बोलीं- राइट टू रिकॉल बिल लोकतंत्र पर प्रहार

चंडीगढ़। हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने हरियाणा विधानसभा में सरकार द्वारा लाए गए राइट टू रिकॉल बिल को लोकतंत्र पर प्रहार बताया है। उन्होंने कहा कि यह बिल पूरी तरह से जनविरोधी है। इसके साथ ही कुमारी सैलजा ने प्रदेश में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर उच्च स्तरीय जांच करवाने और मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है। कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा विधानसभा में सरकार द्वारा पंचायती राज में लाया गया राइट टू रिकॉल बिल लोकतंत्र पर प्रहार है। इसके साथ ही अब जनता द्वारा सीधे चुने गए मेयर के विरुद्ध भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब राइट टू रिकॉल का प्रावधान सांसदों, विधायकों के लिए नहीं है तो हरियाणा में पंचायती राज और मेयर के खिलाफ यह क्यों लाया जा रहा है? [caption id="attachment_447351" align="aligncenter" width="700"]Right to recall bill कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा बोलीं- राइट टू रिकॉल बिल लोकतंत्र पर प्रहार[/caption] कुमारी सैलजा ने कहा कि इससे विकास कार्य ठप हो जाएंगे। गांवों में धड़े बंदी को बढ़ावा मिलेगा और सामाजिक ताना बाना टूटेगा। इससे निरंतर अस्थिरता का माहौल बना रहेगा। बार-बार चुनाव होने से पैसों व संसाधनों की भी बर्बादी होगी। यदि बार-बार निर्वाचित उम्मीदवार को खारिज़ करना शुरू कर दिया गया तो बार-बार चुनाव किए जाएंगे। चुनाव एक खर्चीली प्रक्रिया है जहाँ सरकार का पैसा तो खर्च होता ही है साथ ही उम्मीदवारों द्वारा भी खर्च किया जाता है। यदि बार-बार चुनाव हुए तो आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक समस्याएं भी खड़ी होंगी। [caption id="attachment_447352" align="aligncenter" width="700"]Right to recall bill कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा बोलीं- राइट टू रिकॉल बिल लोकतंत्र पर प्रहार[/caption] यह भी पढ़ें- फरवरी 2021 तक लॉंच हो सकती है कोविड-19 की वैक्सीन कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार द्वारा आनन फानन में लाए गर यह प्रावधान किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है। यह पूरी तरह जनविरोधी हैं। उन्होंने कहा कि बिना विपक्षी दलों से बातचीत किए, बिना फीडबैक लिए आनन-फानन में पास किया गया यह बिल बताता है कि सरकार की नीयत बिल्कुल भी ठीक नहीं है। educareइसके साथ ही कुमारी सैलजा ने हरियाणा प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों और सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस बढ़ोतरी को लेकर हरियाणा सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के कई हिस्सों में जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और यह आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में नकली शराब बनाने वाले गिरोह की सक्रियता किसकी शह पर बनी हुई है? यह हरियाणा प्रदेश में चरमराई हुई कानून व्यवस्था का एक और बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार जिम्मेदार है। इससे पहले लॉकडाउन में हरियाणा प्रदेश में हुए शराब घोटाले पर पर्दा डालने का काम इस सरकार ने किया। जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से तुरंत उच्च स्तरीय जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। यह भी पढ़ें- 80 हजार की रिश्वत लेते दो पुलिसकर्मी रंगे हाथों गिरफ्तार [caption id="attachment_447354" align="aligncenter" width="700"]Right to recall bill कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा बोलीं- राइट टू रिकॉल बिल लोकतंत्र पर प्रहार[/caption] सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस बढ़ोतरी को लेकर कुमारी सैलजा ने कहा कि यह सरकार गरीब वर्ग को शिक्षा से वंचित करना चाहती है। सरकार मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस फीस को 53 हजार से बढ़ाकर 10 लाख तक कर रही है। यह बढ़ोतरी बिल्कुल भी बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। यह बढ़ोतरी हरियाणा प्रदेश के युवाओं के हितों पर कुठाराघात है। देश के किसी भी सरकारी कॉलेज में एमबीबीएस की इतनी फीस नहीं है। आखिर हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार केंद्र सरकार की परिपाटी पर चलते हुए क्यों गरीबों की दुश्मन बनी हुई? इस बढ़ोतरी को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए।


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