लोगों को घर से बेघर करने पर ऊतारू है मनोहर दुष्यंत की जोड़ी, अपने दानवी फरमानों को वापस ले सरकार: सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जमकर बीजेपी-जेजेपी सरकार पर निशाना साधा। सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार शहरों-कस्बों में रहने वाले मेहनतकश लोगों से आए दिन लूट, खसोट व वसूली कर अपनी दुश्मनी निकाल रही है। ऐसा लगता है मानो खट्टर-दुष्यंत चौटाला की जोड़ी हरियाणा के शहरों व कस्बों में रहने वाले लोगों को घर से बेघर करने पर उतारू हो।
सुरजेवाला ने कहा कि चौतरफा भ्रष्टाचार, कुशासन व वित्तीय कुप्रबंधन से खट्टर सरकार ने तरक्कीशील हरियाणा के ‘आर्थिक हालात’ बिहार और यूपी से भी बदतर कर दिए हैं। हरियाणा बनने के 48 साल बाद 2014 में जब खट्टर सरकार बनी, तो प्रदेश पर ₹68,000 करोड़ का कर्ज था, जो इनके 7.5 साल की सरकार में ₹2,00,000 करोड़ को पार कर रहा है।
जीएसटी और पेट्रोल-डीज़ल की लूट तथा उससे पैदा हुई महंगाई के चलते उद्योग-धंधे ठप्प हैं, नौकरीपेशा लोगों, आम जनता और गरीबों की कमर पहले ही टूटी हुई है। खट्टर-दुष्यंत सरकार मरहम लगाने की बजाय अनाप-शनाप टैक्स लगाकर लोगों को घाव देने में जुटी है। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार ने कई दानवीं फरमान जारी किए हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नगर पालिका, नगर परिषद व नगर निगमों में ‘‘विकास शुल्क’’ अब दस गुना बढ़ाकर ‘‘कलेक्टर रेट’’ का पांच प्रतिशत कर दिया गया है। यानि अब 100 वर्ग गज के मकान का नक्शा पास करवाने के लिए भी ₹1,50,000 से ₹2,00,000 तक फीस देनी पड़ेगी। इसके साथ अगर किसी शहरी ने पहले से ही मकान बनाने के साथ नक्शा पास करवाकर ‘‘विकास शुल्क’’ दे रखा है और यदि वह ‘‘रिवाईज़्ड बिल्डिंग प्लान’’ या ‘‘ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट’’ के लिए दरख्वास्त देगा, तो उसे भी पहले से जमा किया गया विकास शुल्क काटकर नई बढ़ी दरों पर, यानि कलेक्टर रेट पर ‘‘विकास शुल्क’’ जमा करवाना पड़ेगा।
सुरजेवाला ने कहा कि जो इलाके पहले नगर पालिका की सीमा में नहीं आते थे और जहां पहले से ही लोगों ने मकान, दुकान इत्यादि का निर्माण कर रखा है और अब नगर पालिका की बढ़ी हुई सीमा में आ गए हैं, अब इनमें से कोई मकान मालिक या दुकान मालिक किसी प्रकार की बिल्डिंग प्लान या ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के लिए दरख्वास्त देगा, तो उसे भी कलेक्टर रेट पर पूरा ‘‘विकास शुल्क’’ जमा करवाना पड़ेगा। यानि अगर किसी की बाप-दादा की पुश्तैनी संपत्ति है, तो भी नए सिरे से विकास शुल्क का सारा पैसा जमा कराना होगा।
गांव के लाल डोरा में जो मकान, दुकान इत्यादि नगर परिषद या नगर निगम की सीमा में आ जाते हैं, पहले उन पर ‘‘विकास शुल्क’’ नहीं लगता था। अब लाल डोरा में आने वाली संपत्तियों पर भी कलेक्टर रेट पर ‘‘विकास शुल्क’’ देना पड़ेगा।
सुरजेवाला ने कहा कि मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि खट्टर सरकार ने डीज़ल पर वैट 9.25 प्रतिशत से बढ़ाकर 17.25 प्रतिशत कर दिया। पेट्रोल पर वैट 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26.25 प्रतिशत कर दिया। स्टांप ड्यूटी पहले ही बढ़ाकर 6 प्रतिशत कर दी है। HSBT के प्लॉट रियायती दरों की बजाय बोली लगाकर बेचे जाते हैं। HSVP (HUDA) के इलाकों में घर के पानी का शुल्क ₹ 1.00 प्रति लीटर से बढ़ाकर 1 जून, 2017 से ₹10.00 प्रति किलो लीटर कर दिया है।
हर प्रकार की एनओसी व स्टांप ड्यूटी का शुल्क कई गुना बढ़ा दिया है। गैस सिलेंडर ₹400 से बढ़कर ₹1000, खाने का तेल ₹200 प्रति लीटर, दालें ₹150 प्रति किलो छू रही हैं। हमारी मांग है कि भाजपा-जजपा सरकार इन ‘‘दानवी फ़रमान’’ को फौरन वापस लें, नहीं तो हर शहर में व्यापक जन आंदोलन होगा।