फिर फंसा MC शिमला के चुनाव का पेंच, आरक्षण रोस्टर को लेकर HC ने जवाब किया तलब
शिमला/पराक्रम चंद: जून माह में होने वाले नगर निगम शिमला के चुनावों को लेकर एक बार फिर पेंच फंस गया है। शिमला नगर निगम में वार्डों के डिलिमिटेशन और आरक्षण रोस्टर को लेकर हाईकोर्ट ने डीसी शिमला व मंडलाआयुक्त से जवाब तलब किया है।
हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले को दरकिनार करते हुए नगर निगम शिमला के चुनाव के लिए मतदाता सूची बनाने का कार्यक्रम जारी कर दिया गया। याचिकाकर्ता इसको लेकर फ़िर कोर्ट पहुंचे। कोर्ट ने मंगलवार को मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया में रोक लगा दी है और 16 अगस्त को मामले की सुनवाई रखी गई है।
राज्य सरकार और जिला प्रशासन के लिए इसे बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। दो वार्डों समरहिल नाभा वार्ड को लेकर मामला हाईकोर्ट में गया था। इससे पांच वार्डों नाभा, समरहिल, बालूगंज, टूटीकंडी और फागली में डिलिमिटेशन का असर पड़ा है।
हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया राजनीतिक दबाब में आकर हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार कर मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया जारी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करने को लेकर डीसी शिमला व मंडलाआयुक्त को नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए, क्योंकि कोर्ट के आदेशों के बाबजूद डिलिमिटेशन व रोस्टर में बिना बदलाव किए मतदाता सूचियों की प्रक्रिया शुरू कर देना कोर्ट के आदेशों की अवहेलना है।
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