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mumbai attack मुंबई हमले की आज 14वीं बरसी, पढ़िए उस दिन कब क्या-क्या हुआ

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- November 26th 2022 11:31 AM
mumbai attack मुंबई हमले की आज 14वीं बरसी, पढ़िए उस दिन कब क्या-क्या हुआ

mumbai attack मुंबई हमले की आज 14वीं बरसी, पढ़िए उस दिन कब क्या-क्या हुआ

मुंबई हमले (mumbai attack) को आज 14 साल बीत चुके हैं, लेकिन इस हमले की खौफनाक तस्वीर आज भी भारतीय के दिलो दिमाग में ताजा है। 26 नवंबर 2008 को हुआ आतंकी हमला एक ऐसा काला दिन है, जिसे मुंबई कभी याद नहीं करना चाहता। इस दिन को याद कर 14 साल पहले मिले जख्म आज भी ताजा हो जाते हैं। ये हमला पाकिस्तान मे बैठे आतंकियों के इशारों पर हुआ था।

ये आतंकी पाकिस्तान से समुद्र के रास्ते एक बोट में बैठकर आए थे। इन आतंकियों ने भारतीय मछुआरों को समुद्र में मौत के घाट उतारकर उनकी बोट छीन ली थी। इसी बोट से ये आतंकी मुंबई पहुंचे थे। लश्कर-ए-तैयबा के हाई ट्रेंड और भारी हथियारों से लैस इन दस आतंकियों ने मुंबई की कई प्रतिष्ठत जगहों को निशाना बनाकर गोलीबारी की और दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया। 


आंतकियों ने रेलवे स्टेशन, रेस्टोरेंट, कामा अस्ताल, ताज होटल और नरीमन हाउस को अपना निशाना बनाया। आतंकियों को मार गिराने में भारतीय सुरक्षा बलों को चार दिन लगे थे। मुंबई हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे। मरने वालों में विदेश से आए लोग भी शामिल थे। इसके अलावा सुरक्षा बलों के 10 जवान भी शहीद हुए थे। आज पूरा देश हमले में जान गवाने वाले लोगों और इस हमले की जवाबी कार्रवाई में शहीद हुए देश के जवानों को याद कर रहा है।

साल 2008 को 26 नवंबर की उस रात को एकाएक मुंबई गोलियों की गूंज से दहल गई थी। आतंकियों ने मुंबई के दो फाइव स्टार होटलों, एक अस्पताल, रेलवे स्टेशनों और एक यहूदी केंद्र नरीमन हाउस को निशाना बनाया था।

शुरू में किसी को अनुमान नहीं था कि ये हमला इतना बड़ा है, लेकिन जैसे जैसे कई जगहों से गोलीबारी की खबर आई सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हुई और धीरे-धीरे इस हमले के पैमाने और संजीदगी का अनुमान होना शुरू हुआ।

लियोपोल्ड कैफे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से शुरू हुआ मौत का ये तांडव ताजमहल होटल में जाकर खत्म हुआ, लेकिन सुरक्षाकर्मियों को आतंकियों का सफाया करने 60 से भी अधिक घंटे लग गए थे, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था। हमलावर दो-दो के ग्रुपों में बंटे हुए थे। लियोपोल्ड कैफे में पहुंचे दो हमलावरों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दी। इस कैफ़े में ज्यादातर विदेशी पर्यटक आते हैं। विदेशी पर्यटकों के बीच यह कैफे बहुत फेमेस है। इससे पहले ही कैफे में मौजूद लोग कुछ समझ पाते, हमलावरों ने जमकर गोलियां चलाई और मौके से भाग गए। यहां हुई गोलीबारी में 10 लोग मारे गए। आतंक का सबसे भयावह चेहरा देश के सबसे भीड़ भीड़-भाड़ वाले रेलवे स्टेशन पर मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में देखने को मिला था।

यहां बड़ी संख्या में रेल यात्री मौजूद थे। हमलावरों ने यहां अंधाधुंध गोलियां चलाई थी। जांच अधिकारियों की मानें तो यहां हुई गोलीबारी में अजमल आमिर कसाब और इस्माइल ख़ान शामिल थे। बाद में अजमल आमिर कसाब पकड़ा गया, लेकिन इस्माइल खान मारा गया। यहां की गोलीबारी में सबसे ज़्यादा 58 लोग मारे गए थे।

कुछ आतंकी ओबेरॉय होटल में ढेर सारे गोला-बारूद के साथ घुसे थे। उस समय होटल में 350 से ज़्यादा लोग मौजूद थे। यहां हमलावरों ने कई लोगों को बंधक भी बना लिया था। NSG कमांडों ने यहां दोनों हमलावरों को मार दिया।ताज होटल के गुंबद में लगी आग आज भी लोगों के दिलों दिमाग पर छाई हुई है। गोलीबारी और धमाकों के बीच मुंबई की आन-बान-शान ताज होटल की आग लोग शायद ही भूल पाएं। ये इमारत 105 साल पुरानी है। गेटवे ऑफ़ इंडिया के पास स्थित ताज महल होटल विदेशी पर्यटकों में काफ़ी लोकप्रिय है।

होटल पर जब हमला हुआ तो वहां रात के खाने का समय था और ढेर सारे लोग वहां जमा हुए थे कि तभी अचानक अंधाधुंध गोलियां चलने लगीं। ताज होटल में 31 लोग मारे गए और चार हमलावरों को सुरक्षाकर्मियों ने मार दिया।

इसके बाद चार हमलावरों ने एक पुलिस वैन को अगवा कर लिया कामा अस्पताल में जा घुसे। कामा अस्पताल के बाहर ही एनकाउंटर के दौरान ATS के प्रमुख हेमंत करकरे, मुंबई पुलिस के अशोक कामटे और विजय सालसकर शहीद हो गए।

इसके अलावा हमलावरों ने नरीमन हाउस को भी निशाना बनाया। नरीमन हाउस चबाड़ लुबाविच सेंटर के नाम से भी जाना जाता है। नरीमन हाउस में भी हमलावरों ने कई लोगों को बंधक बनाया था। जिस इमारत में हमलावर घुसे थे वह यहूदियों की मदद करने के लिए बनाया गया एक सेंटर था, जहां यहूदी पर्यटक भी अक्सर ठहरते थे। इस सेंटर में यहूदी धर्मग्रंथों की बड़ी लाइब्रेरी और उपासनागृह भी है।

यहां एनएसजी कमांडो को कार्रवाई करने के लिए हेलिकॉप्टर से बगल वाली इमारत में उतरना पड़ा। कार्रवाई हुई और हमलावर मारे भी गए, लेकिन किसी भी बंधक को बचाया नहीं जा सका। यहाँ सात लोग और दो हमलावर मारे गए। भले कार्रवाई में आतंकी मारे गए हों और जिंदा पकड़े गए एक आतंकी अजमल कसाब को फांसी दे दी गई हो, लेकिन भारत इस हमले को कभी नहीं भूल सकता


- PTC NEWS

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