Pariksha Pe Charcha 2023: एग्जाम के लिए पीएम मोदी ने दिए छात्रों को टिप्स, कहा: अभिभावक ना करें ये काम
Pariksha Pe Charcha 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से संवाद किया। इस कार्यक्रम के लिए इस साल 38.80 लाख से ज्यादा छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने पंजीकरण करवाया था। परीक्षा पे चर्चा एक वार्षिक कार्यक्रम है। इसमें पीएम मोदी बोर्ड परीक्षार्थियों से संवाद करते हैं। परीक्षा पे चर्चा का ये छठा संस्करण है।
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि 'परीक्षा पर चर्चा' मेरी भी परीक्षा है और देश के छात्र मेरी परीक्षा ले रहे हैं। मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है। परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ सामाजिक स्थिति बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है। अभिभावक बाहर जाकर अपने बच्चों के बारे में बड़ी बड़ी बातें कर देते हैं और फिर अपने बच्चों से वही उम्मीद लगा लेते हैं। क्रिकेट में स्टेडियम में लोग चौका, छक्का चिल्लाते रहते है, तो क्या खिलाड़ी लोगों की डिमांड पर चौके-छक्के लगाने शुरू कर देते हैं? खिलाड़ी सिर्फ बॉल पर ध्यान देता है।
पीएम मोदी ने विद्यार्थियों को टिप्स देते हुए कहा कि कागज पर एक पेन, पेंसिल लेकर डायरी पर नोट कीजिए कि आप अपना समय किधर व्यतीत कर रहे हैं। हम अपने पसंद की चीज में ही अपना सर्वाधिक समय व्यतीत करते हैं, फिर जो सब्जेक्ट छूट जाते हैं उनका भार बढ़ता जाता है। ऐसे में सबसे कठिन सब्जेक्ट को सबसे पहले और उसके ठीक बाद सबसे पसंद का सब्जेक्ट। ऐसे ही एक के बाद एक पसंद और नापसंद के सब्जेक्ट को समय दें।
पीएम मोदी ने कहा, 'क्या हमें दबाव से दबना चाहिए? आप अपने भीतर देखेंगे। आप अपनी क्षमता देखेंगे। दबाव को एनालिसिस कीजिए। बच्चों को अपनी क्षमता से कम नहीं आंकना चाहिए। नकल से ज्यादा पढ़ने के तरफ ध्यान लगाएं। आज आपको हर जगह परीक्षा देना होता है। कब तक नकल करोगे। भले ही कोई नकल कर आपसे कुछ नंबर ज्यादा ले आए, लेकिन वह जिंदगी में आपके लिए रुकावट नहीं बन सकता। आप अपने अंदर की ताकत पर भरोसा रखें।
पीएम ने कहा, दुनिया में कामयाबी पाने वाले लोग भी सामान्य ही हुआ करते थे। इस समय पूरे विश्व में देशों की आर्थिक स्थिति की चर्चा हो रही है। आर्थिक मोर्चे पर आज दुनिया की निगाहें भारत की तरफ हैं। अभी तक ऐसा ही कहा जाता था कि भारत में अर्थशास्त्रियों की कमी है, प्रधानमंत्री को भी कोई ज्ञान नहीं है, लेकिन अब ये सामान्य ही असामान्य हो गया है। दुनिया में जिस भारत को एवरेज कहा जाता था आज वो चमक रहा है।
- PTC NEWS