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युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग-VI में दिखेगी वायुसेना की ताकत, पहली बार हिस्सा ले रही IAF

Written by  Arvind Kumar -- March 03rd 2021 12:06 PM
युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग-VI में दिखेगी वायुसेना की ताकत, पहली बार हिस्सा ले रही IAF

युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग-VI में दिखेगी वायुसेना की ताकत, पहली बार हिस्सा ले रही IAF

नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना, संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और बहरीन की वायु सेनाओं के साथ अभ्यास डेजर्ट फ्लैग-VI में पहली बार भाग ले रही है। यह अभ्यास संयुक्त अरब अमीरात के अल-दाफरा एयरबेसपर दिनांक आज यानि 3 मार्च 2021 से 27 मार्च तक निर्धारित है। बता दें कि डेजर्ट फ्लैग युद्धाभ्यास संयुक्त अरब अमीरात वायु सेना की मेजबानी में आयोजित एक वार्षिक बहुराष्ट्रीय बड़ा युद्ध अभ्यास है।

इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना छह सुखोई-30 एमकेआई, दो सी-17 और एक आईएल-78 टैंकर विमान के साथ भाग ले रही है। सी-17 ग्लोबमास्टर भारतीय वायुसेना के दल को लाने ले जाने के लिए सहायता प्रदान करेगा। सुखोई-30 एमकेआई विमान लंबी दूरी की उड़ान भरेगा जो भारत से सीधे अभ्यास क्षेत्र में जाएगा और इस दौरान रास्ते में आईएल-78 टैंकर विमानों से उसमें ईंधन भरा जाएगा। [caption id="attachment_479062" align="aligncenter" width="700"]Exercise Desert Flag VI युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग-VI में दिखेगी वायुसेना की ताकत, पहली बार हिस्सा ले रही IAF[/caption] इस अभ्यास का उद्देश्य प्रतिभागी सैन्य बलों को नियंत्रित वातावरण में हवाई युद्ध अभियान की परिस्थितियां बनाकर प्रशिक्षण देते हुए सामरिक एक्सपोजर प्रदान करना है। भाग लेने वाली सेनाओं को युद्ध की सर्वश्रेष्ठप्रथाओं का पारस्परिक आदान-प्रदान करने के साथ-साथ अपनी सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने का अवसर मिलेगा। [caption id="attachment_479061" align="aligncenter" width="700"]Exercise Desert Flag VI युद्धाभ्यास डेजर्ट फ्लैग-VI में दिखेगी वायुसेना की ताकत, पहली बार हिस्सा ले रही IAF[/caption] दुनिया भर से विविध लड़ाकू विमानों को शामिल करते हुए बड़े पैमाने पर आयोजित यह अभ्यास भारतीय वायु सेना सहित प्रतिभागी ताकतों को ज्ञान, अनुभव, सामरिक क्षमताओं को बढ़ाने और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने काएक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। एक गतिशील और वास्तविक युद्ध वातावरण में भागलेने वाले राष्ट्रों के साथ युद्धाभ्यास और बातचीत भी अंतरराष्ट्रीयसंबंधों को मजबूत करने में योगदान देगी। पिछले दशक में भारतीय वायु सेना ने नियमित रूप सेबहुराष्ट्रीय सामरिक युद्ध अभ्यासों की मेज़बानी की है एवं इनमें भाग लिया है, जिनमें दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वायु सेनाओं के बीच सहयोग किया जाता है।

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