हरियाणा के पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने चार में से तीन पेंशन छोड़ने का ऐलान, केजरीवाल ने की तारीफ
हरियाणा में पूर्व मंत्री निर्मल सिंह हाल ही में बेटी के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं। अब उन्होंने विधायक के तौर पर मिलने वाली पेंशन को छोड़ने का ऐलान कर दिया। इस संबंध में वो हरियाणा मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख रहे हैं। उनके इस कदम का दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वागत किया है। उनके इस फैसले पर ट्वीट करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री कहा कि हम लोग राजनीति में सेवा के लिए आए हैं, पैसे कमाने नहीं आए। पंजाब की हमारी सरकार ने आदेश ही कर दिया कि अब से एक एमएलए को एक ही पेंशन मिलेगी। मैं उम्मीद करता हूं कि हरियाणा सरकार भी ऐसा आदेश करने का साहस कर पाएगी। Arvind Kejriwal, haryana" width="700" height="400" /> हरियाणा में निर्मल सिंह पहले ऐसे पूर्व विधायक बन गए हैं जिन्होंने अपनी पेंशन छोड़ने की घोषणा की है। निर्मल सिंह अंबाला के नग्गल से चार बार विधायक और दो बार पूर्व मंत्री रह चुके हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में अनिल विज के खिलाफ कैंट से टिकट मांगा था, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। टिकट ना मिलने पर दोनों ने आजाद उम्मीदवार के तौर पर सिटी और कैंट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। हालांकि दोनों ही चुनाव हार गए। दोनों बाप-बेटी की इस बगावत का नतीजा यह रहा था कि दोनों ही सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई थी। विधायकों पर दिल खोलकर लुटता है खजाना 2018 में 23 करोड़ रुपए सरकार ने पूर्व विधायकों की पेंशन पर खर्च किए, जबकि 2021 में साढ़े 30 करोड़ रुपए पूर्व विधायकों की पेंशन पर खर्च किए। कांग्रेस के पूर्व विधायक कैप्टन अजय यादव को 2 लाख 38 हजार, ओपी को 2 लाख 22 हजार, संपत सिंह को 2 लाख 14 हजार, सावित्री जिंदल को 90 हजार, अशोक अरोड़ा को 1 लाख 60 हजार, चंद्र मोहन बिश्नोई को 1 लाख 52 हजार, अजय चौटाला को 90 हजार, बलबीर पाल शाह को 2 लाख 7 हजार, हरमिंदर सिंह चट्ठा को 1 लाख 52 हजार पेंशन मिलती है।