क्या धोखा है केजरीवाल के मोहल्ला क्लीनिक! सिसोदिया ने निजी अस्पतालों में इलाज के लिए खर्च किए 2 करोड़ 26 लाख
केजरीवाल सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की थी। केजरीवाल सरकार अपने मोहल्ला क्लीनिक मॉडल को देश ही नहीं विदेशों में भी आदर्श के तौर पर बताती है। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी चुनावी मंचों और अन्य मौकों पर दिल्ली के इन मोहल्ला क्लीनिक में मिल रही सुविधाओं के बारे में बात करने से नहीं चूकती है।
केजरीवाल अपने मोहल्ला क्लीनिक कॉन्सेप्ट का भले ही गुणगान करते नहीं थकते, लेकिन इनपर हमेशा सवाल खड़े होते रहे हैं। मीडिया, विपक्षी नेताओं के साथ साथ लोग भी कई बार केजरीवाल सरकार मोहल्ला क्लीनिक को ढकोसला बताते हैं।
केजरीवाल के मोहल्ला क्लीनिक में अगर इतनी ही बेहतर सुविधाएं मिलती हैं, तो खुद केजरीवाल और उनके मंत्री क्यों इन क्लीनिकों में इलाज के लिए नहीं जाते। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निजी अस्पतालों में अपने और पत्नी के इलाज पर 2 करोड़ 26 लाख 11 हज़ार 20 रुपये खर्च कर दिए। अब सवाल ये है कि जिन अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों के बारे में केजरीवाल एंड पार्टी पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ बताती है वो दिल्ली सरकार के वो वर्ल्ड क्लास अस्पताल कहां गए? क्यों निजी अस्पतालों में इलाज करवाना पड़ा?
मनीष सिसोदियों ने इलाज पर खर्च किए गए 2 करोड़ रुपये का रि-इन्वर्समेंट के लिए सरकार के पास आवेदन किया है। सिसोदिया ने मोहल्ला क्लीनिकों की जगह मैक्स, ओपोलो जैसे अस्पतालों का रुख किया है। मेडिकल क्लेम के लिए सिसोदिया ने रकम का जो दावा पेश किया है उसकी कॉपी नीचे संलग्ति की गई है।
यहां तक कि सीएम केजरीवाल भी खांसी और ब्लड शुगर का इलाज करवाने के लिए कर्नाटक गए थे। 2015 में केजरीवाल ने बैंगलुरू में काली खांसी के इलाज के लिए सर्जरी भी करवाई थी।