किसानों को मोदी सरकार का तोहफा, खरीफ फसलों का एमएसपी बढ़ाया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सीजन 2020-21 के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। सरकार ने विपणन सीजन 2020-21 के लिए खरीफ फसलों की एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों के लिए उनकी उपज के पारिश्रमिक मूल्य को सुनिश्चित किया जा सके। एमएसपी में उच्चतम वृद्धि नाइजरसीड (755 रुपये प्रति क्विंटल) और उसके पश्चात तिल (370 रुपये प्रति क्विंटल), उड़द (300 रुपये प्रति क्विंटल) और कपास (लंबा रेशा) (275 रुपये प्रति क्विंटल) प्रस्तावित है। पारिश्रमिक में अंतर का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना है। विपणन सीजन 2020 के लिए सभी खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य-2020-21 इस प्रकार हैं:
| क्र.सं | फसलें | प्रस्तावित लागत* केएमएस 2020-21 | खरीफ के लिए एमएसपी 2020-21 | एमएसपी में वृद्धि (पूर्ण) | लागत पर प्रतिफल (% में) |
| 1 | धान (सामान्य) | 1,245 | 1,868 | 53 | 50 |
| 2 | धान (ग्रेड ए) | - | 1,888 | 53 | - |
| 3 | ज्वार (हाइब्रिड) | 1,746 | 2,620 | 70 | 50 |
| 4 | ज्वार (मालदंडी)* | - | 2,640 | 70 | - |
| 5 | बाजरा | 1,175 | 2,150 | 150 | 83 |
| 6 | रागी | 2,194 | 3,295 | 145 | 50 |
| 7 | मक्का | 1,213 | 1,850 | 90 | 53 |
| 8 | तूर (अरहर) | 3,796 | 6,000 | 200 | 58 |
| 9 | मूँग | 4,797 | 7,196 | 146 | 50 |
| 10 | उड़द | 3,660 | 6,000 | 300 | 64 |
| 11 | मूंगफली | 3,515 | 5,275 | 185 | 50 |
| 12 | सूरजमुखी बीज | 3,921 | 5,885 | 235 | 50 |
| 13 | सोयाबीन (पीला) | 2,587 | 3,880 | 170 | 50 |
| 14 | तिल | 4,570 | 6,855 | 370 | 50 |
| 15 | नाइजरसीड | 4,462 | 6,695 | 755 | 50 |
| 16 | कपास (मध्यम रेशा) | 3,676 | 5,515 | 260 | 50 |
| 17 | कपास (लंबा रेशा)* | - | 5,825 | 275 | - |
उपर्युक्त उपायों को जारी रखने के क्रम में, सरकार कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति में खेती से संबंधित गतिविधियों की सुविधा प्रदान कर किसानों की सहायता करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपना रही है। किसानों द्वारा ही स्वयं कृषि उपज के विपणन की सुविधा के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों को सीधे विपणन की सुविधा के लिए सलाह जारी की गई है, ताकि राज्य एपीएमसी अधिनियम के तहत विनियमन को सीमित करके थोक खरीदारों/बड़े फुटकर व्यापारियों/ संसाधकों द्वारा फैनर/एफपीओ/सहकारी समितियों से सीधी खरीद को सक्षम बनाया जा सके।
इसके अलावा, सरकार द्वारा 2018 में घोषित समग्र योजना 'प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान' (पीएम-आशा) किसानों को उनकी उपज के लिए पारिश्रमिक प्रतिफल प्रदान करने में मदद करेगी। इस समग्र योजना में प्राथमिक आधार पर तीन उप-योजनाएं शामिल हैं जैसे मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस), मूल्य न्यूनता भुगतान योजना (पीडीपीएस) और निजी खरीद एवं स्टॉकिस्ट पायलट योजना (पीडीपीएस)। इसके अलावा, 24 मार्च 2020 से अब तक की लॉकडॉउन अवधि के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-केएसएएन) योजना के तहत, लगभग 8.89 करोड़ किसान परिवारों को लाभान्वित किया गया है और अब तक 17,793 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। कोविड-19 महामारी के कारण मौजूदा स्थिति के दौरान, खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए, सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएम-जीकेवाई) के तहत पात्र परिवारों को दाल वितरित करने का निर्णय लिया है। अब तक राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को लगभग 1,07,077.85 मीट्रिक टन दालों की आपूर्ति की गयी है। ---PTC NEWS---