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सिद्धू को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया अस्पताल, जेल की दाल रोटी खाने से किया इनकार

Written by  Vinod Kumar -- May 23rd 2022 12:20 PM
सिद्धू को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया अस्पताल, जेल की दाल रोटी खाने से किया इनकार

सिद्धू को मेडिकल चेकअप के लिए लाया गया अस्पताल, जेल की दाल रोटी खाने से किया इनकार

पटियाला जेल में बंद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू राजिंद्र हॉस्पिटल लाया गया है। यहां उनका मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। सिद्धू ने जेल में मिल रही दाल रोटी खाने से इनकार किया है। सिद्धू का कहना है कि उन्हें गेहूं से एलर्जी है। इसके चलते सिद्धू जेल का खाना नहीं खा रहे हैं। सिद्धू अब तक जेल में सिर्फ सलाद ही खा रहे थे। इसके बाद उन्हें राजिंद्रा अस्पताल लाया गया है। सिद्धू के लिए जेल प्रशासन ने मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। ये बोर्ड नवजोत सिंह सिद्धू के लिए डाइट प्लान तैयार करेगा। [caption id="attachment_641321" align="alignnone" width="700"] फोटो: ANI[/caption] सिद्धू का कहना है कि गेहूं से एलर्जी है उनके लीवर में प्रॉब्लम है। वह गेहूं की रोटी नहीं खा सकते। लंबे समय से वह रोटी नहीं खा रहे हैं।इसके बाद सिद्धू ने जेल प्रशासन से स्पेशल डाइट की मांग की थी। कोर्ट ने उनका मेडिकल चेकअप कराकर 4:00 बजे तक रिपोर्ट मांगी है। [caption id="attachment_641322" align="alignnone" width="700"] फोटो: ANI[/caption] बता दें कि पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने 34 साल पुराने रोड रेज केस में सजा सुनाए जाने के बाद बीते शुक्रवार को पटियाला कोर्ट में सरेंडर किया था। 27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे। यहां कार पार्किंग को लेकर सिद्धू का मृतक गुरनाम सिंह के साथ विवाद हो गया। सिद्धू ने गुस्से में आकर 66 साल के गुरनाम सिंह को मुक्का मार दिया। इससे गुरनाम सिंह बेहोश होकर नीचे गिर गए। अस्पताल में उनकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह दिल का दौरा बताया गया। पटियाला पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया था। supreme court, navjot sidhu, road rage case निचली अदालत ने 1999 में सिद्धू को बरी कर दिया था, लेकिन पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने 2006 में सिद्धू को इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी। सिद्धू तब भाजपा के अमृतसर से सांसद थे। इसके बाद सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की। उस समय अरुण जेटली ने उनका केस लड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हाईकोर्ट की सजा को पलट दिया था और 1 हजार रुपये का जुर्माना सुनया था। इसके बाद पीड़ित परिवार की रिव्यू पीटिशन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई।


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