पाकिस्तान में इमरान की छुट्टी तय, जनरल बाजवा ने कहा: अब इस्तीफा दे दो
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है। उनकी कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पूरे पाकिस्तान में उनकी सरकार के खिलाफ खूब विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। संयुक्त विपक्ष इमरान को सत्ता से हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion) लेकर आया है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के करीब 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेम्बली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव दिया था। इसमें आरोप लगाया गया है कि इमरान नीत पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार देश में आर्थिक संकट और मुद्रास्फीति के लिए जिम्मेदार है। क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान को हटाने के लिए विपक्ष को 342 सदस्यीय नेशनल असेंबली में 172 वोटों की जरूरत है। इमरान की पार्टी के सदन में 155 सदस्य हैं और सरकार में बने रहने के लिए उन्हें कम से कम 172 सांसदों की जरूरत है।
शुक्रवार को इस मामले पर नेशनल अलेंबली की बैठक होगी और इसी दिन प्रस्ताव पर वोटिंग हो सकती है। इस बीच ऐसा कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा (General Qamar Javed Bajwa) के नेतृत्व में सैन्य अधिकारियों ने कथित तौर पर ओआईसी (इस्लामिक सहयोग संगठन) की बैठक के बाद इमरान खान से इस्तीफा देने को कहा है।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान खान को पीएम पद से उतारने का फैसला जनरल बाजवा और अन्य तीन लेफ्टिनेंट जनरलों ने लिया है। इनकी बैठक से पहले बाजवा और लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम पीएम इमरान खान से भी मिले थे। जानकारी के मुताबिक, सेना के चारों शीर्ष अधिकारी अब इमरान को कोई मौका नहीं देना चाहते।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) पार्टी को उम्मीद थी कि पूर्व आर्मी चीफ राहिल शरीफ उनके लिए ट्रंप कार्ड साबित होंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। राहिल शरीफ इमरान की तरफ से बाजवा से मिलने गए थे, लेकिन इस मीटिंग के बावजूद सरकार बचती नहीं दिख रही है। शुक्रवार को इमरान खान भी बाजवा से मिले थे। तब कहा गया था कि मीटिंग में पाकिस्तान में होने वाली OIC मीटिंग, बलूचिस्तान संकट के साथ-साथ इमरान सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव पर भी बात हुई थी।
दूसरी तरफ जमियत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने दावा किया है कि इमरान खान के पास आपातकाल या राज्यपाल शासन लगाने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने ‘बहुमत का समर्थन खो दिया है।’ रहमान ने ये बात उस वक्त कही, जब गृह मंत्री शेख रशीद ने इमरान खान को सिंध प्रांत में राज्यपाल शासन लागू करने की सलाह दी थी। रशीद ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि पीटीआई के ही कुछ सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव के बीच इस्लामाबाद के सिंध हाउस में शरण ली है। इन्होंने खुलकर विपक्ष के साथ जाने की बात कही है।