पंजाब में कानून बना एक विधायक-एक पेंशन, राज्यपाल ने दी अपनी मंजूरी
पंजाब में अब विधायकों को सिर्फ एक ही पेंशन मिलेगी। दशकों पुराने एक से ज्यादा पेंशन वाला कानून अब पंजाब में समाप्त हो गया है। पंजाब सरकार की ओर से पारित किए गए 'एक विधायक, एक पेंशन' कानून को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने अपनी मंजूरी दे दी है। राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद पंजाब सरकार की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
पंजाब कैबिनेट में पारित विधेयक एक पेंशन एक विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा गया था। राज्यपाल ने यह कहते हुए इस विधेयक को लौटा दिया था कि पहले इस विधेयक को विधानसभा सत्र में पारित करवाया जाए। इसके बाद इसे पंजाब विधानसभा में भी पंजाब सरकार ने पारित करवा दिया। इसके बाद इसे दोबारा राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा था। अब राज्यपाल ने इसे स्वीकृत कर लिया है।
अब तक एक नेता जितनी बार विधायक बनता था उतनी बार की उसे अलग-अलग पेंशन मिलती थी। इस कानून के लागू होने के बाद पंजाब के विधायकों को एक ही पेंशन मिलेगी चाहे वो कितनी बार भी विधायक रहा हो।
छह बार विधायक
रहीं पूर्व CM राजिंदर कौर भट्ठल, लाल सिंह, पूर्व मंत्री सरवण सिंह फिल्लौर को 3.25 लाख, पांच बार विधायक रहे बलविंदर सिंह भूंदड़ और सुखदेव ढींढसा को सवा दो लाख रुपए पेंशन मिलती है। इनको बतौर राज्यसभा सदस्य अलग से वेतन, पेंशन भत्ते भी मिलते हैं। इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह भी चुनाव हारे हैं तो उन्हें भी लाखों की पेंशन मिलनी थी जो अब बंद हो जाएगी।
पंजाब में सबसे ज्यादा पेंशन 5 बार CM रह चुके प्रकाश सिंह बादल के नाम है। उनकी पेंशन की रकम करीब पौने 6 लाख बनती है, लेकिन वो अपनी पेंशन नहीं लेते हो। प्रकाश सिंह बादल पहले ही अपनी पेंशन छोड़ चुके हैं।