चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारियों के लिए अमित शाह के 'प्लान' से विपक्ष नाखुश, कहा: ट्राई सिटी को पंजाब से छीनने की कोशिश
चंडीगढ़ प्रशासन के कर्मचारियों पर अब केंद्रीय सेवा नियम लागू होंगे। रविवार को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने इसका ऐलान किया था। उन्होंने कहा कि पिछले काफी समय से इसकी मांग की जा रही थी। अब इसका लाभ प्रशासन के सभी कर्मचारियों को मिलेगा।
नकी इस घोषणा के बाद चंडीगढ़ के सरकारी कर्मचारी काफी खुश है। चंडीगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान स्वर्ण सिंह कंबोज ने कहा कि हमारी बहुत लंबे समय से यह मांग रही है कि चंडीगढ़ में सेंट्रल सर्विस रूल लागू होने चाहिए क्योंकि पंजाब सर्विस रूल होने की वजह से यहां के कर्मचारियों को उनके अधिकार नहीं मिल पा रहे थे न तो उन्हें समय पर वेतन आयोग का फायदा मिल रहा था, न ही उन्हें प्रमोशन दी जा रही थी और केंद्र सरकार की ओर से कर्मचारियों को जो भी सुविधाएं दी जाती हैं वह भी नहीं मिल रही थी।
अब गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ में सेंट्रल सर्विस रूल लागू करने की घोषणा कर दी। जिससे सभी कर्मचारियों की सैलरी केंद्र के नियमों के तहत बढ़ेगी उन्हें प्रमोशन का लाभ भी मिलेगा और अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। चंडीगढ़ के सभी सरकारी कर्मचारी इस घोषणा को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का धन्यवाद करते हैं।
वहीं, चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर केंद्रीय नियम लागू होने के ऐलान पर पंजाब सरकार ने मोर्चा खोल दिया है। CM भगवंत मान ने कहा कि पंजाब इसे स्वीकार नहीं करेगा। हम पंजाब के जायज हक के लिए मजबूती से लड़ेंगे। वहीं दिल्ली में आप के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि AAP को बढ़ता देखकर भाजपा डर रही है।
CM मान ने इस फैसले को पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 का उल्लंघन करार दिया। मान ने कहा कि केंद्र सरकार सिलसिलेवार तरीके से दूसरे राज्यों के अफसरों और कर्मचारियों को चंडीगढ़ पर थोप रही है।
इस मामले पर आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया, '2017 से 2022 तक कांग्रेस ने पंजाब पर शासन किया। अमित शाह ने तब चंडीगढ़ की शक्तियां नहीं छीनी थीं। पंजाब में आप की सरकार बनते ही अमित शाह ने चंडीगढ़ की सेवाएं छीन लीं। आप के बढ़ते कदमों से बीजेपी डरी हुई है। "
शिरोमणि अकाली दल नेता दलजीत सिंह चीमा ने एक ट्वीट में आलोचना करते हुए कहा, ‘‘केंद्र सरकार के नियमों को चंडीगढ़ के कर्मचारियों पर थोपने का गृह मंत्रालय का फैसला पंजाब पुनर्गठन अधिनियम की भावना का उल्लंघन है और इसपर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। '' उन्होंने कहा, 'इसका मतलब पंजाब को हमेशा के लिए राजधानी के अधिकार से वंचित करना है। भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड नियमों में बदलाव के बाद यह पंजाब के अधिकारों पर एक और कुठाराघात है। ''
नए रूल्स से कर्मचारियों को क्या होगा फायदा
रिटायरमेंट : ग्रुप ए और बी का रिटायरमेंट 60 साल में होगा। पंजाब सर्विस रूल्स के मुताबिक 58 साल में रिटायरमेंट होता है। अब इन कर्मचारियों को 2 साल और मिलेंगे। इसी तरह क्लास फोर में रिटायरमेंट की उम्र 60 से बढ़कर 62 हो जाएगी।
चाइल्ड केयर लीव : चंडीगढ़ के कर्मचारियों को अब 2 साल की चाइल्ड केयर लीव मिलेगी। पंजाब रूल्स के हिसाब से सिर्फ एक साल की लीव मिलती थी।
टीचर्स को भी फायदा : चंडीगढ़ में टीचर्स की रिटायरमेंट एज बढ़ जाएगी। नॉर्मल कॉलेजों में रिटायरमेंट 58 की जगह 65 साल में होगा। वहीं टेक्निकल कॉलेजों में टीचर 60 के बजाय 65 साल में रिटायर होंगे।
सैलरी : कर्मचारियों की सैलरी में 800 से 2400 रुपए की बढ़ोत्तरी होगी। वहीं अब 7वां वेतनमान लागू होने से भी उनकी सैलरी 10 से 15% बढ़ जाएगी। चंडीगढ़ में अभी 6वां वेतनमान लागू है।
पंजाब पर निर्भरता खत्म : पहले हर आदेश के लिए चंडीगढ़ के कर्मचारियों को पंजाब सरकार पर निर्भर रहना पड़ता था। केंद्र से भत्ते या दूसरे बैनिफिट के लिए आदेश होते तो पहले पंजाब नोटिफिकेशन जारी करता था। इसके बाद चंडीगढ़ में यह लागू होती। अब केंद्र जो नोटिफिकेशन करेगा, कर्मचारियों के लिए वह सीधे लागू हो जाएंगे।