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कैसे हल होगा SYL का मुद्दा! दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक बेनतीजा

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Vinod Kumar -- October 14th 2022 03:00 PM -- Updated: October 14th 2022 04:52 PM
कैसे हल होगा SYL का मुद्दा! दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक बेनतीजा

कैसे हल होगा SYL का मुद्दा! दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच बैठक बेनतीजा

चंडीगढ़: SYL मुद्दे पर हरियाणा और पंजाब के सीएम के बीच हुई बात बेनतीजा रही। बातचीत में इस मसले का कोई हल नहीं निकला। अब बैठक की रिपोर्ट केंद्रीय जल मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को सौंपी जाएगी। बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ कह दिया है कि पंजाब के पास देने के लिए पानी नहीं है। अब केंद्रीय मंत्री इस पर फैसला लेंगे की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को देंगे या बैठक दोबारा बुलाई जाएगी। बैठक के बाद सीएम मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल का विवाद दोनों प्रदेशों के बीच 1981 से बना हुआ है। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और फैसला हरियाणा के पक्ष में आया था। इस फैसले को लागू करने के लिए 4 माह का समय सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को दिया था।


सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितम्बर में 4 महीने के अंदर इस मसले का हल निकालने के लिए बैठक बुलाने के लिए केंद्रीय मंत्रालय को कहा था। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि बैठक में सुप्रीम कोर्ट के नहर बनाने के फैसले का हवाला दिया, लेकिन पंजाब इसपर सहमत नहीं हुआ। हम अब इस बैठक की जानकारी सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत को इसकी जानकारी देंगे।


वहीं, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा का कहना है कि पहले एसवाईएल का निर्माण कर दिया जाए। पानी फिर देख लेंगे। मान ने कहा कि ऐसे नहीं होता है, जब पानी ही नहीं है तो एसवाईएल के निर्माण का क्या मतलब। पंजाब के सीएम ने कहा कि पंजाब का वाटर लेबल लगातार कम होता जा रहा है। राज्य के पास अपने लिए ही पानी नहीं है।


सीएम भगवंत मान ने कहा कि जब एसवाईएल नहर को लेकर समझौता हुआ था उस समय पंजाब के पास 18.56 एमएएफ पानी था। आज ये घटकर 12.6 फीसदी रह गया है। ऐसे में हमारे जब पानी ही नहीं है तो फिर नहर बनाने का क्या मतलब है। पंजाब से पानी मांगने वाले पहले यहां पानी माप लें। हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने कहा कि आज पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक में सहमति नहीं बन पाई है। अब इस मामले की रिपोर्ट 19 जनवरी से पहले सुप्रीम कोर्ट में देंगे और कहेंगे की सहमति नहीं बनी है। हरियाणा ने एक ही पक्ष रखा की एसवाईएल बनाई जाएं, क्योंकि पानी के लिए नहर बहुत जरूरी है, जबकि पंजाब का यह तर्क था कि पहले हम यह तय करेंगे कि हमारे पास देने के लिए पानी है या नहीं है। इसी को लेकर यह मुद्दा बीच में ही अटक गया। अब सुप्रीम कोर्ट को अपने ऑर्डर एग्जीक्यूट करने हैं और उसके लिए वह कोई भी फैसला ले सकता है।


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