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डिपो होल्डर और अधिकारी आपसी मिली भगत से डाल रहे गरीबों के पेट पर डाका

Reported by:  PTC News Desk  Edited by:  Ajeet Singh -- November 22nd 2019 01:38 PM
डिपो होल्डर और अधिकारी आपसी मिली भगत से डाल रहे गरीबों के पेट पर डाका

डिपो होल्डर और अधिकारी आपसी मिली भगत से डाल रहे गरीबों के पेट पर डाका

पलवल। (गुरुदत्त गर्ग) भाजपा के दूसरे शासनकाल में भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) सवालों के घेरे में है। पलवल में गरीबों को मिलने वाले राशन में 20 से 25% कटौती करके ही राशन वितरित किया जाता है। भारतीय जनता पार्टी की जीरो टॉलरेंस नीति यहां पर पूरी तरह निष्फल है क्योंकि गरीबों को मिलने वाले राशन में डिपो होल्डर द्वारा डकैती की जा रही है और यह डकैती बगैर अधिकारियों की मिलीभगत के संभव नहीं है। पलवल दयानंद स्कूल के पीछे भाटिया कॉलोनी में डिपो होल्डर परवीन को गरीबों को राशन बांटने का जिम्मा दिया गया है जहाँ दर्जनभर गरीब राशन लेने के लिए डिपो पर आते हैं। यहां इन गरीबों से पूछे जाने पर बताया कि डिपो होल्डर द्वारा 20 से 25% कटौती करके ही राशन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि एक यूनिट पर प्रदेश सरकार की पीडीएस प्रणाली के तहत 5 किलो गेहूं दिया जाता है। लेकिन डिपो होल्डर 5 किलो की बजाय प्रति यूनिट 4 किलो ही देते हैं पूरा मांगने पर कह देते हैं कि वहां से लो जहां आपको पूरा मिलता हो। यानी कि पूरे पलवल शहर में डिपो होल्डर गरीबों के हक पर कटौती करके ही राशन बांटने का काम कर रहे हैं। गरीबों ने बताया कि यह उनकी मजबूरी है यदि पूरे 5 किलो राशन की जिद करते हैं तो वह इतने से भी हाथ धो बैठेंगे फिर जितना मिल रहा है उतना भी नहीं मिलेगा। पूरे शहर में सभी डिपो होल्डर कटौती करके ही राशन बांटने का काम कर रहे हैं। एक उपभोक्ता ने बताया कि इस क्षेत्र में केवल एक ही डिपो होल्डर है जो पूरा राशन बांटता है वरना जितने भी डिपो होल्डर हैं सभी राशन कम करके ही देते हैं। [caption id="attachment_362496" align="alignnone" width="700"]Distt Palwal डिपो होल्डर और अधिकारी आपसी मिली भगत से डाल रहे गरीबों के पेट पर डाका[/caption] राशन डिपो के पास रहने वाली एक महिला ने कहा कि डिपो होल्डर परवीन गरीबों को यह कहकर भगा देता है कि राशन खत्म हो गया और बचाए हुए राशन को ब्लैक में भेजता है। वह हर महीने हर बार देखती हैं कि कभी ऑटो रिक्शा में रखकर कभी मोटरसाइकिल पर अनाज की बोरियों को लादकर ले जाते हैं ।वही डिपो होल्डर ने बताया कि राशन कटौती करके बांटने की उसकी मजबूरी है क्योंकि उसके पास भी जो राशन आता है वह ऊपर से ही कम आता है। 50 किलो की एक बोरी में चार से पांच किलो वजन कम निकलता है और जब हमने तीन-चार बोरियों को जनता के सामने कैमरे पर तुलवाने का काम किया तो गेहूं की बोरियों में 4 से 5 किलो वजन कम पाया। जिससे यही प्रतीत होता है कि खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारी पीडीएस प्रणाली के तहत दिए जाने वाले राशन में कटौती करके डिपो होल्डर को देते हैं इस कटौती में खाद आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ कौन-कौन शामिल है यह तो निष्पक्ष जांच के बाद ही सामने आ पाएगा लेकिन यहां पर इतना जरूर है डिपो होल्डरों तथा खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के द्वारा अपना पेट भरने के लिए कि गरीबों के पेट पर लात मारने का काम जरूर किया जा रहा है। यह भी पड़ेंजेजेपी और बीजेपी की गठबंधन सरकार के कद्दावर मंत्रियों के बीच आए मतभेद  वही खाद्य आपूर्ति विभाग के खाद्य आपूर्ति नियंत्रक राम अवतार ने बताया कि राशन की सप्लाई देने और बांटने की जिम्मेवारी अधिकारियों के जिम्मे है और पूरे प्रदेश में अंगूठा लगाने के बाद ही राशन मिलता है। जब उपभोक्ता अंगूठा लगाकर राशन लेता है तो राशन कैसे कम हो सकता है। हर सरकार और हर राजनीतिक पार्टी गरीबों को उनका हक देने की बात करती है। लेकिन पलवल में गरीबों के पेट पर डाका डालना बड़े शर्म की बात है । ---PTCNews---


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