समाना। कोरोना काल के बीच लोगों की ज्यादा मौत हो रही है। इसी के चलते रोजाना 120 से अधिक मृतक लोगों के फूल भाखड़ा नहर में विसर्जित किए जा रहे हैं। पहले करीब 20 से 30 लोग ही फूल विसर्जित करने आते थे। अब पंजाब व हरियाणा के लोग समाना में भाखड़ा नहर के चलते पानी में अस्थियां विसर्जित कर रहे हैं।
बता दें कि पंजाब में सिख लोग अपने परिवार के किसी सदस्य की मौत के बाद अपने उस मेंबर की अस्थियों को किरतपुर साहिब में सतलुज के जल में विसर्जित करते थे लेकिन अब पंजाब-हरियाणा से रोजाना दर्जनों लोग अपने परिवार के जिनकी मौत हो जाती है उनकी अस्थियों लेकर भाखड़ा नहर के जल में विसर्जित करते थे।
इस बीच गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा अपने परिजनों की अस्थियां विसर्जन करने पहुंच रहे परिवारिक मेंबरों के लिए मुकम्मल प्रबंध किए गए हैं। पहले यहां पर मृतक की अस्थियां डालने के बाद उनको सर्टिफिकेट नहीं दिया जाता था जिसके कारण कुछ लोगों को परेशानी आती थी लेकिन अब गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और सरकार ने जो मंजूरी दी है उसके बाद यहां उनके परिवारों को फूल डालने के बाद सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं।
समाना: अब सतलुज नदी में नहीं भाखड़ा नहर में विसर्जित की जा रहीं अस्थियां
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गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा मुकम्मल प्रबंधन ठहरने के लंगर का प्रबंध भी है कीर्तिपुर साहब दूर था वहां पानी खड़ा रहता था लेकिन यहां चलता पानी है चलते पानी का ज्यादा महत्व होता है यहां पर अस्थियां विसर्जन करने के लिए हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला पंजाब का मालवा का बठिंडा संगरूर बरनाला पटियाला फतेहगढ़ साहब से संगत आ रही है।