हरियाणा की सरकारी लैब्स में मुफ्त हो रहा डेंगू का परीक्षण, अब सरकार ने शुरू की ये पहल

By  Arvind Kumar September 13th 2020 09:36 AM

चंडीगढ़। हरियाणा डेंगू मरीजों के लिए नि:शुल्क सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की नई पहल करने वाला उत्तरी क्षेत्र का पहला राज्य है। इसके अलावा, राज्यभर की सरकारी प्रयोगशालाओं में डेंगू का परीक्षण मुफ्त किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि विभाग जहां एक ओर विभाग कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहा है वहीं दूसरी ओर यह डेंगू जैसी अन्य बीमारियों के प्रसार की निगरानी भी कर रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने बताया कि राज्य में वर्ष 2017 से डेंगू के मामलों में कमी आई है और सितंबर, 2020 में अब तक डेंगू के केवल 33 पुष्ट मामले सामने आए हैं। मुख्य रूप से दो जिलों, गुरुग्राम (20) और भिवानी (10) से डेंगू के मामलों की रिपोर्ट मिली है। विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि डेंगू के कारण होने वाली मृत्यु को रोकने के उद्देश्य से नई पहल के तहत सरकारी अस्पतालों में डेंगू के रोगियों के लिए नि:शुल्क सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) का प्रावधान शुरू किया गया है, क्योंकि गंभीर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया वाले कुछ डेंगू मरीजों को तुरंत एसडीपी की आवश्यकता होती है। गत वर्षों के दौरान सरकारी अस्पतालों में 8,500 रुपये प्रति यूनिट एसडीपी की वसूली की जा रही थी। हालांकि, उत्तरी क्षेत्र में हरियाणा डेंगू रोगियों के लिए मुफ्त सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) सुविधा शुरू करने वाला पहला राज्य है। वर्तमान में, जिला गुरुग्राम, पंचकूला, करनाल, रोहतक और सोनीपत में एसडीपी सुविधा (प्लेटलेट्स एफ़ेरेसिस मशीन) उपलब्ध है।

Dengue testing being done free in Haryana government labs

इस संबंध में और अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सरकारी प्रयोगशालाओं में डेंगू का परीक्षण मुफ्त किया जा रहा है। वर्तमान में राज्य में कुल 27 एसएसएच (डेंगू परीक्षण प्रयोगशालाएं) संचालित हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, जिला भिवानी और रोहतक में संदिग्ध डेंगू मामलों के लिए फ्लू कॉर्नर में डेंगू के नमूने लेना भी शुरू किया गया है, क्योंकि अधिकतर मामले इन्हीं जिलों से सामने आए हैं।

यह कहते हुए कि विभाग ने श्रेष्ठ चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित की हैं, उन्होंने कहा कि सभी एसएसएच में पर्याप्त परीक्षण किट (आईजीएम और एनएसआई) उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त, डेंगू रोगियों के लिए समर्पित बैड्स की पहचान करने के अलावा सितंबर 2020 के पहले सप्ताह तक लगभग 1,158 परीक्षण किए गए हैं। इसी दौरान, सिविल अस्पतालों में वार्ड और बेड की मच्छर प्रूफिंग की जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने कहा कि कोविड-19 गतिविधियों के साथ ही राज्य में वेक्टर जनित रोग (वीबीडी) नियंत्रण उपायों को जारी रखा गया है। कोविड-19 के कंटेनमेंट जोन में कोविड-19 गतिविधियों के साथ बुखार की निगरानी एवं उसके स्रोत को कम करने की गतिविधियों को समायोजित किया गया है। कंटेनमेंट जोन से बाहर सभी गतिविधियाँ नियमित रूप से की जा रही हैं। स्रोत को कम करने की गतिविधियों को सुदृढ़ करने के लिए लगभग 280 घरेलू प्रजनन चेकर्स (डीबीसी) तैनात किए गए हैं।

इसके अलावा, साप्ताहिक एंटी-लार्वा गतिविधियां की जा रही हैं और जहां भी आवश्यक हो, वहां टेम्फोस लार्विसाइड लगाया जा रहा है। सभी चिन्हित उच्च जोखिम वाले गांवों में लगभग 4.86 लाख एलएलआईएन (कीटनाशक बेडनेट) का वितरण पूरा हो चुका है। कीटनाशक बेडनेट का उचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सोने के स्थानीय समय पर मंदिरों एवं मस्जिदों से घोषणा करके स्थानीय लोगों को नेट का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है। डेंगू या अन्य वेक्टर जनित रोग के किसी भी पुष्ट मामले की रिपोर्ट मिलने के बाद और वेक्टर घनत्व के आधार पर भी फॉगिंग की जा रही है। बेहतर जल प्रबंधन में अन्य विभागों को भी शामिल किया जा रहा है। संबंधित उपायुक्तों की अध्यक्षता में सभी जिलों में कम से कम एक अंतर-क्षेत्रीय बैठक बुलाई गई है।

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