Dhanteras 2022: इस बार धनतेरस का त्यौहार 22 और 23 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। धनतेरस पर 27 साल बाद प्रदोष व्रत और हनुमान जयंती का संयोग एक साथ बन रहा है। इस पर्व को धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस के दिन ही स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। ऐसे में धन तेरस पर धन के देवता कुबेर और औषधी के देवता धनवंतरी की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि कुबेर के पूजन से धन की प्राप्ति होती है तो वहीं धनवंतरी के पूजन से बिमारियों से छुटकारा मिलता है।
इस साल त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त आज यानी 22 अक्टूबर 2022 को है। त्रयोदशी तिथि आज 22 अक्टूबर शनिवार को शाम 6 बजकर 2 मिनट से शुरू हो रही है जो अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी, ऐसे में 22-23 अक्टूबर को धनतेरस मानी जा रही है। धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग दोपहर 1:50 मिनट से शाम 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस पूजा विधि
सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग वस्त्र बिछाएं। इसके बाद गंगाजल छिड़कर भगवान धन्वंतरि, माता महालक्ष्मी और भगवान कुबेर की प्रतिमा या फोटो जो भी स्ंभव हो स्थापित करें। अब चौकी पर देसी घी का दीपक, धूप और अगरबत्ती जलाएं। लाल रंग के पुष्प अर्पित करने के बाद धनतेरस के लिए आपने सोना-चांगी, पीतल या फिर किसी बर्तन की खरीददारी की है तो उसे चौकी पर रखें। इसके बाद लक्ष्मी स्तोत्र, लक्ष्मी चालीसा, लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और कुबेर स्तोत्र का पाठ करें। लक्ष्मी मंत्र का जाप करने के बाद मिठाई का भोग भी लगाएं।
बताया जाता है कि जब देवताओं और राक्षसों ने समुंद्रमंथन किया तो समुंद्र से धन्वंतरि देवता प्रकट हुए। उनके हाथ में अमृत कलश था। इसी दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाना लगा। भगवान धन्वंतरि को स्वास्थ्य का देवता भी कहा जाता है। धनतेरस के दिन धन्वंतरि के साथ कुबेर भगवान की भी पूजा की जाती है। कुबेर भगवान धन का देवता माना जाता है।