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Guru Nanak Jayanti 2022: आज मनाई दुनियाभर में मनाई जा रही गुरू नानक जयंती, पीएम-राष्ट्रपति ने दी बधाई

Written by  Vinod Kumar -- November 08th 2022 10:46 AM -- Updated: November 08th 2022 03:08 PM
Guru Nanak Jayanti 2022: आज मनाई दुनियाभर में मनाई जा रही गुरू नानक जयंती, पीएम-राष्ट्रपति ने दी बधाई

Guru Nanak Jayanti 2022: आज मनाई दुनियाभर में मनाई जा रही गुरू नानक जयंती, पीएम-राष्ट्रपति ने दी बधाई

Guru Nanak Jayanti 2022: सिखों के पहले गुरु नानक देव जी की जयंती आज जयंती मनाई जा रही है। हर साल कार्तिक महीने के पूर्णिमा पर गुरु पर्व मनाया जाता है। गुरू नानक जयंती पर गुरुद्वारों में बड़े स्तर पर लंगर का आयोजन किया जा रहा है। जगह जगह नगर कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है। 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुरु नानक जयंती की बधाई दी। पीएम मोदी ने आशा व्यक्त की कि श्री गुरु नानक देव की महान शिक्षाएं एक न्यायपूर्ण और दयालु समाज के निर्माण के हमारे प्रयास में हमारा मार्गदर्शन करती रहेंगी।


उन्होंने ट्विटर पर गुरु देव की एक वीडियो शेयर कर लिखा, 'श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। एक न्यायपूर्ण और करुणामय समाज के निर्माण के हमारे प्रयासों में उनकी महान शिक्षाएं हमारा मार्गदर्शन करती रहें'।

वहीं, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में कहा, 'गुरु नानक देव जी की जयंती के पावन अवसर पर, मैं विदेशों में बसे सभी नागरिकों और भारतीयों, विशेषकर सिख समुदाय के भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई देती हूं। जपजी साहब की शिक्षाओं से सत्य, त्याग और नैतिक आचरण जैसे शाश्वत मूल्यों को अपनाना चाहिए।'

आज ही के दिन 1469 में  गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा को पाकिस्तान में स्थित श्री ननकाना साहिब में हुआ था। गुरु नानक जी की माता का नाम तृप्ता और पिता का नाम कल्याण चंद था। गुरु नानक देव ने ही सिख धर्म की नींव रखी थी। 

नानक जी बचपन से ही अपना ज्यादातर समय ध्यान और चिंतन में बिताते थे। उन्हें सांसारिक बातों का मोह नहीं रखते थे। नानक देव जी एक संत, गुरु और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव हित में समर्पित कर दिया था।

16 साल की उम्र में गुरु नानक देव का विवाह सुलखनी नाम की कन्या से हुआ था। इनके दो पुत्र श्रीचंद और लख्मीचंद थे। माना जाता है कि पुत्रों के जन्म के बाद गुरु नानक देव अपने साथियों के साथ तीर्थ यात्रा पर निकल गए। गुरु नानक ने  भारत, अफगानिस्तान, फारस, अरब सहित कई देशों की यात्राएं करते हुए उपदेश दिए। इन यात्राओं को पंजाबी में 'उदासियां' कहा जाता है। गुरु नानक ने अपने जीवन का आखिरी समय पंजाब के करतारपुर में गुजारा था।

गुरू नानक जयंती पर हर साल सिख श्रद्धालुओं का जत्था ननकाना साहिब जाता है। इस साल भी सोमवार को शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व में 910 श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान के लिए रवाना किया गया। यह जत्था अटारी-वाघा बार्डर द्वारा पाकिस्तान पहुंचा। यह जत्था 16 नवम्बर को अटारी-वाघा सीमा के रास्ते भारत लौटेगा।

वहीं, श्री गुरु नानक देव जी की 553वीं जयंती ब्रिटेन में रह रहे सिख समुदाय ने भी बड़ी धूमधाम से मनाई। इस उपलक्ष्य में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साउथ हॉल द्वारा हवेलीक रोड से  भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छत्रछाया में पांच प्रेमियों के नेतृत्व में एक सुंदर पालकी में सजा यह नगर कीर्तन गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा साउथ हॉल की गलियों से गुजरा और गुरुद्वारा सिंह सभा साउथ हॉल पार्क एवेन्यू पर समाप्त हुआ।

- PTC NEWS

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