फतेहाबाद। (साहिल रुखाया) सरकारी कार्यालयों में किस प्रकार अफसरशाही हावी है, इसका ताजा उदाहरण फतेहाबाद से सामने आया है! चलने फिरने में बिल्कुल लाचार टोहाना निवासी एक महिला पिछले तीन हफ्तों से दिव्यांग पेंशन बनवाने के लिए लघु सचिवालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हो चुकी है।
हर बुधवार को वह टोहाना से फतेहाबाद आती है और उसका पुत्र सतेंद्र उसे गोदी में उठाकर लघु सचिवालय में दर-दर भटक रहा है। महिला घसीटते हुए चलती है, लेकिन अधिकारी हैं कि उसकी दिव्यांगता नजर नहीं आ रही। डॉक्टर ने उसके दिव्यांग होने की बात साबित करने के लिए अग्रोहा न्यूरोसर्जन के पास जाने का कह दिया है।
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वहीं महिला रानी देवी और उसके पुत्र सतेंद्र का कहना है कि वो चल ही नहीं पाती, इसलिए अधिकारी स्वयं उनकी स्थिति को देखकर भी पेंशन बनवा सकते हैं, लेकिन उन्हें बेवजह चक्कर कटवाए जा रहे हैं।
वहीं इस बारे में सीएमओ डॉ.वीरेषभूषण का कहना है कि देखने में तो महिला चलने-फिरने में दिव्यांग ही नजर आ रही है, लेकिन इस केस में न्यूरोसर्जन की राय मशविरा चाहिए, इसलिए उसे अग्रोहा में न्यूरोसर्जन के पास भेजा जा रहा है, क्योंकि यहां न्यूरोसर्जन की सेवाएं नहीं है। न्यूरोसर्जन की रिपोर्ट के आधार पर दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।