यूपी में गंगा-यमुना खतरे के निशान के ऊपर, बनारस में सभी 84 घाट...लोगों के घर पानी में डूबे

By  Vinod Kumar August 29th 2022 11:49 AM -- Updated: August 29th 2022 11:53 AM

पहाड़ों पर इन दिनों जमकर बारिश हो रही है। इसका असर मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है। पहाड़ों पर बारिश होने के कारण गंगा, यमुना समेत कई नदियां मैदानी इलाकों में भारी तबाही मचा रही हैं। मैदानी इलाकों में बाढ़ के हालात हैं। कई लोग बाढ़ के चलते प्रभावित हुए हैं।

उत्तराखंड में हो रही बारिश के बाद यूपी में गंगा का जलस्तर बढ़ गया है। वाराणसी के कई जिलों में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। प्रयागराज में भी गंगा-यमुना खतरे के निशान से 1.10 मीटर ऊपर है। बाढ़ में लोगों के घर खेत, खलिहान डूब गए हैं।

वाराणसी में गंगा के सभी 84 घाट और सीढ़ियां पानी के अंदर समा गई हैं। खिड़कियां (नमो) घाट पर टूरिस्ट और स्थानीय लोगों को घाट पर आने नहीं दिया जा रहा है, घाट पर चेतवानी के पोस्टर लगाएं गए हैं। गंगा अब 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है।

बाढ़ के चलते गंगा रौद्र रूप ले चुकी है। प्रति घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ती जा रही गंगा खतरे के निशान 71.26 मीटर को पार कर 71.77 मीटर यानी काफी ऊपर आ चुकी है। मिर्जापुर में गंगा लाल निशान पार कर गई। बलिया में भी गंगा खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रही है।

प्रयागराज में कई घर बाढ़ के पानी में पूरी तरह से डूब चुके हैं। बाढ़ के कारण कई लोगों को अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। बाढ़ के बाद सैकड़ों परिवारों को राहत शिविरों में भेजा गया है।

 

Related Post