आईएसबी के साथ मिलकर हिमाचल सरकर जैव ऊर्जा के क्षेत्र में करेगी रोजगार सृजन

हिमाचल सरकार इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के साथ साझेदारी करके जैव-ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार सृजित करने की पहल करने जा रही है।

By  Jainendra Jigyasu March 5th 2023 04:06 PM

हिमाचल सरकार इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के साथ साझेदारी करके जैव-ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार सृजित करने की पहल करने जा रही है।  प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आईएसबी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की अध्यक्षता के दौरान कहा कि जैव-ऊर्जा क्षेत्र में अनुसंधान सहायता के लिए हिमाचल सरकार इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (आईएसबी) के साथ साझेदारी करने जा रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शंकुवृक्ष वनों की पर्याप्त संपदा हैऔर राज्य में बांस का काफी उत्पादन किया जा सकता है, राज्य सरकार चीड़ की सुइयों और बांस से जैव-ऊर्जा उत्पादन के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की जाएगी। इस परियोजना में स्थानीय समुदाय को शामिल किया जाएगा जिससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि थर्मल पावर,सीमेंट और स्टील जैसे कई क्षेत्र उत्सर्जन को कम करने के लिए जीवाश्म ईंधन के विकल्प की खोजे जा रहे हैं। इसके साथ ही पाइन सुइयों से बने ईंधन को संभावित विकल्प के रूप में शामिल किया जा सकता है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का रास्ता खुलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आईएसबी राज्य सरकार की सहायता और सहयोग से इस परियोजना को सफल बनाने के लिए व्यापार मॉडल और प्रौद्योगिकी प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईएसबी पर्याप्त बाजार मुहैया कराया जाना भी सुनिश्चित करेगा। आईएसबी बांस से इथेनॉल, जैव गैस और जैव उर्वरक बनाने का काम भी करेगा। 

मुख्यमंत्री ने वनों के सामुदायिक स्वामित्व के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह समुदायों को वनों की रक्षा करने और उन्हें स्थायी रूप से प्रबंधित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करता है। वन भूमि का सामुदायिक स्वामित्व अधिक सामाजिक जिम्मेदारी और वन संरक्षण के लिए प्रोत्साहन में वृद्धि से जुड़ा है। इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर अश्विनी छत्रे और नीति निदेशक डॉ आरुषि जैन ने कहा कि इस पहल से औद्योगिक भागीदारों और निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, इससे पर्यावरण और सामाज में सुधार होगा।

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