अब कांपेगा चीन और पाकिस्तान, पानी के अंदर से ही दुश्मन को तबाह कर देगी ये सबमरीन

INS Vagir: भारतीय नौसेना की ताकत में एक और इजाफा हुआ है। कलवरी क्लास पनडुब्बी INS वागीर (Submarine INS Vagir) को भारतीय नौसेना में आधिकारिक तौर पर शामिल कर लिया गया है। वागीर के शामिल होने से नौसेना की ताकत बढ़ेगी। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में कमीशन किया गया है।

By  Vinod Kumar January 23rd 2023 12:20 PM

INS Vagir: भारतीय नौसेना की ताकत में एक और इजाफा हुआ है। कलवरी क्लास पनडुब्बी INS वागीर (Submarine INS Vagir) को भारतीय नौसेना में आधिकारिक तौर पर शामिल कर लिया गया है। वागीर के शामिल होने से नौसेना की ताकत बढ़ेगी। नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में कमीशन किया गया है। 

आईएनएस वागीर दुनिया के बेहतरीन सेंसर के साथ टारपीडो और सरफेस टू सरफेस अटैक  करने वाली मिसाइलों से लैस है। इस पनडुब्बी में विशेष अभियानों के लिए समुद्री कमांडों को लॉन्च करने की भी क्षमता है। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी के बीच आईएनएस वागीर को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है। इस पनडुब्बी को समुद्र के तट पर और मध्य समुद्र दोनों जगह तैनात किया जा सकता है।  

यह सबमरीन समंदर के अंदर बारूदी सुरंग बिछा सकती है। यह 1150 फीट की गहराई में डाइव कर सकती है। स्टेल्थ तकनीक के कारण दुश्मन को इसका पता नहीं चल पाता है। यह दुश्मन के जहाजों और सबमरीन को खोजकर उनपर निशाना लगा सकती है। इसके साथ ही ये समुद्र में दुश्मन के इलाकों में जाकर टोह भी ले सकती है। यह 50 दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है। इसकी लंबाई 221 फीट, बीम 20, ऊंचाई 40 फीट और ड्रॉट 19 फीट का है।    

आईएनएस वागीर में 8 नौसेना अधिकारी और 35 सेलर्स (नौ सैनिक) तैनात रह सकते हैं।  इसमें 6x533 मिलिमीटर के टॉरपीडो ट्यूब्स हैं। इस टॉरपीडो 18 SUT टॉरपीडो लोड किए जा सकते हैं। ये पनडुब्बी 37 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से समुद्र में पानी के अंदर चल सकती है। यह सबमरीन समुद्र की सतह पर एक बार में 12 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है। 

ये सबमरीन 10 किलोमीटर पहले ही खतरा भांप लेती है। स्टील्थ टेक्नोलॉजी से ये सबमरीन रडार की पकड़ में नहीं आती है। ये दुश्मन के वॉरशिप, मिसाइल और सबमरीन को बर्बाद कर सकती है। टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइल से ये फौरन ही अटैक कर देती है। INS वागीर की सबसे खास बात ये है कि इसे भारत में ही तैयार किया गया है। इसे मुंबई के मझगांव डॉक यार्ड शिप बिल्डर्स लिमिटेड में बनाया गया है। 


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