खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रहा अनाथ किशोर, रिश्तेदारों ने जमीन के लिए रचा षड्यंत्र

यूपी के देवरिया जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक किशोर के माता पिता की मौत के बाद उसे मृत घोषित कर पड़ोसियों ने उसकी जमीन को अपने नाम करवा लिया। अब ये किशोर अपने जिंदा होने का सबूत लेकर कार्यालयों के चक्कर काट रहा है।

By  Vinod Kumar January 6th 2023 01:47 PM

देवरिया/यूपी: यूपी के देवरिया जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक किशोर के माता पिता की मौत के बाद उसे मृत घोषित कर पड़ोसियों ने उसकी जमीन को अपने नाम करवा लिया। अब ये किशोर अपने जिंदा होने का सबूत लेकर कार्यालयों के चक्कर काट रहा है। 

अब ये किशोर 'साहब अभी मैं जिंदा हूं' का पोस्टर लेकर एक किशोर सरकारी कार्यालयों में न्याय की गुहार लगा रहा है। दरअसल सलेमपुर तहसील क्षेत्र के पिपरा देव राज गांव के रहने वाले विजय प्रताप सिंह के माता पिता का देहांत हो चुका है। माता पिता के देहांत के बाद विजय नाना नानी के घर रहने चला गया। विजय के माता पिता के नाम दो एकड़ जमीन थी। इस जमीन को रिश्तेदारों ने अपने नाम करवाने के लिए विजय को सरकारी कागजों में मृत घोषित करवा दिया और विजय की जमीन अपने नाम करवा ली।

एक दिन विजय अपना जन्म प्रमाण पत्र बनवाने तहसील गया तो उसे मालूम चला की सरकारी कागजों में उसका नाम ही नहीं है। यह सुनते ही उसके पैर तले जमीन खिसक गई। उसके बाद विजय तख्ती लेकर अपने जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी कार्यालयों का चक्कर काट रहा है और अपने जिंदा होने की गवाही दे रहा है।  

विजय ने कहा कि इस समय वो अपने नाना के घर रहता है। पिता की मौत के बाद चाचा और चचेरे भाइयों ने सरकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर उसका नाम कागजों से हटवाकर अपना नाम दर्ज करवा लिया। गांव के प्रधान पर भी इस पूरी साजिश में शामिल होने का आरोप है। 

वहीं, अब यह मामला जिला अधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह के पास पहुंचा है। उन्होंने SDM सलेमपुर को तत्काल मामले से अवगत करवाया और मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए। सलेमपुर SDM ने गांव पहुंचकर मामले की जांच की तो मामला सही निकला। अब SDM  ने सेक्रेटरी, लेखपाल और कानूनगों से स्पष्टीकरण मांगा है और तत्कालीन लेखपाल को निलंबित कर दिया है।

इस पूरे मामले में ADM प्रशासन गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि एक कृषक रामअशीष की मृत्यु हो जाने के बाद गांव के प्रधान समेत कई लोगों ने जमीन फर्जी तरीके से नाम करवा ली। इस फर्जी वसीयत को खत्म कर मामले की जांच शुरू कर दी गई।  


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